सबप्राइम मोर्टगेज क्राइसिस
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सबप्राइम मोर्टगेज क्राइसिस निरंतर जारी अचल संपत्ति और वित्तीय संकट है जो संयुक्त राज्य में गिरवी अपराधों और पुरोबंधों में नाटकीय उत्थान से विश्वभर में बैंकों और वित्तीय बाजारों पर प्रतिकूल परिणामों से फ़ैल गया। यह संकट, जिसकी जड़ें 20 वीं सदी के समापन वर्षों में हैं, 2007 में स्पष्ट रूप से उभर कर सामने आया और वित्तीयउद्योग के नियमन एवं वैश्विक वित्तीय प्रणाली की कमजोरियों को व्यापक रूप से उजागर कर दिया। [1]
हाल के वर्षों में संयुक्त राज्य के अनुमानतः 80% गिरवी समायोज्य दर पर सबप्राइम उधारकर्ताओं को दी गयी।[2] जब संयुक्त राज्य में आवास की कीमतों में 2006-07 में गिरावट आने लगी पुनर्वित्तीयन और भी अधिक दुष्कर हो गया और जैसा कि समायोज्य दर पर गिरवी को ऊंची दरों पर दोबारा स्थिर करना पड़ा, बंधक अपराध बहुत बढ़ गए। सबप्राइम गिरवी से समर्थित प्रतिभूतियां जो व्यापक रूप से वित्तीय संस्थाओं के अधीन थीं, उनकी अधिकतम कीमत समाप्त हो गई। फलतः सारे विश्व में ऋण में कसाव लाते हुए कई बैंकों एवं संयुक्त राज्य सरकार के प्रायोजित उद्यमों की पूंजी में व्यापक गिरावट आ गई।