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संध्या
भारत मे संध्या एक समय काल हैं। जो दोपहर के बाद आती है। सुबह, दोपहर, संध्या और रात ऐसे चार समय काल है। / From Wikipedia, the free encyclopedia
संध्या ("शाम") का सामान्य अर्थ सूर्य के अस्त होने और रात्रि के प्रारंभ के काल से है।
संध्या एक संस्कृत शब्द है। सूर्य और तारों से रहित दिन-रात की संधि को तत्त्वदर्शी मुनियों ने संध्याकाल माना है।[1]
संध्या से ही दिन और रात्रि दोनों के संधिकालों के नाम प्रातःकाल ( रात्रि और दिन का मध्य ) और सायंकाल (रात्रि और दिन का मध्य ) नाम हुए। प्रातःकाल की पूजा देवताओं का पोषण करती है तो सायंकाल की पूजा पित्रों का पोषण करती है।
त्रिकाल संध्या प्रातःकाल में तारों के रहते हुए, मध्याह्नकाल में जब सूर्य आकाश के मध्य में हों, सायंकाल में सूर्यास्त के पहले ही - इस तरह तीन प्रकार की संध्या करनी चाहिए।[2]