शास्त्रीय नृत्य
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भारत में नृत्य की जड़ें प्राचीन परंपराओं में है। इस विशाल उपमहाद्वीप में नृत्यों की विभिन्न विधाओं ने जन्म लिया है। प्रत्येक विधा ने विशिष्ट समय व वातावरण के प्रभाव से आकार लिया है। राष्ट्रीय नृत्य की कई विधाओं को पेश करता है, जिनमें से प्रत्येक का संबंध देश के विभिन्न भागों से है। प्रत्येक विधा किसी विशिष्ट क्षेत्र से संबंधित है। मुख्यतः 8 शास्त्रीय नृत्य हैं। भरत मुनि ने अपनी पुस्तक नाट्यशास्त्र में शास्त्रीय नृत्य का वर्णन किया है।[1][2] शास्त्रीय नृत्य इस प्रकार हैं -