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वैद्युत बैलास्ट
लैंप में करंट को सीमित करने के लिए डिवाइस / From Wikipedia, the free encyclopedia
किसी वैद्युत परिपथ में धारा को एक सीमा में बनाये रखने के लिये जो युक्ति प्रयोग की जाती है उसे वैद्युत बैलास्ट (electrical ballast) कहते हैं। ट्यूब लाइट को चालू करने तथा उसकी धारा को असीमित होने से रोकने के लिये उसके श्रेणीक्रम में एक प्रेरकत्व लगाया जाने वाला 'चोक' इसका प्रमुख उदाहरण है। इसको न लगाया जाय तो ट्यूब से बहुत अधिक धारा बहेगी जिसके अनेकों हानिकारक प्रभाव होंगे। ध्यान रखने योग्य बात है कि ट्यूब का एक विशेष गुण है कि उसमें धारा बढ़ने पर उसका वोल्टेज कम होता है अर्थात यह ऋणात्मक प्रतिरोध प्रदर्शित करता है।
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![](http://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/e/e1/Fluorescent_Light.svg/320px-Fluorescent_Light.svg.png)
A -- ट्यूब ,
B -- २३० वोल्ट ए सी,
C -- स्टार्टर,
E -- संधारित्र,
F -- फिलामेण्ट,
G -- चोक (बैलास्ट)
![](http://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/c/c4/Elektronstarterp.jpg/320px-Elektronstarterp.jpg)
![](http://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/6/6c/Fluorescent_Lamp_Inverter.png/640px-Fluorescent_Lamp_Inverter.png)
वैद्युत बैलास्ट तरह-तरह की डिजाइन के होते हैं। उदाहरण के लिये एक श्रेणीक्रम में लगाया गया प्रतिरोध, प्रेरकत्व या संधारित्र एक सरल बैलास्ट के रूप में काम कर सकता है। दूसरी तरफ जटिल डिजाइन वाले एलेक्ट्रानिक बैलास्ट हैं जिनमें जटिल पॉवर एलेक्त्रानिक्स लगी होती है।