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विल्नुस विश्वविद्यालय का पुस्तकालय (VUB) - सब से पुराना पुस्तकालय लिथुआनिया में है। वह जेशूइट के द्वारा स्थापित किया गया था। पुस्तकालय विल्नुस विश्वविद्यालय से पुराना है - पुस्तकालय १५७० में और विश्वविद्यालय १५७९ में स्थापित किया गया था। कहने तो लायक है कि अभी तक पुस्तकालय समान निर्माण में रहा है।पहले पुस्तकालय वर्तमान भाषाशास्त्र (फ़िलोलोजी) के वाचनालय में रहा था। आज पुस्तकालय में लगभग ५४ लाख दस्तावेज रखे हैं। ताक़ों की लम्बाई - १६६ किलोमीटर [1]।अभी पुस्तकालय के २९ हज़ार प्रयोक्ते हैं। १७५३ में यहाँ लिथुआनिया की प्रथम वेधशाला स्थापित की गयी थी। प्रतिवर्ष विल्नुस विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में बहुत पर्यटक आते हैं - न केवल लिथुआनिया से बल्कि भारत, स्पेन, चीन, अमरीका से, वगैरह। विल्नुस विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में प्रसिद्ध व्यक्तित्व भी आते हैं। उदाहरण के लिये - राष्ट्रपति, पोप, दलाई लामा, वगैरह।
विल्नुस विश्वविद्यालय का पुस्तकालय | |
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English | Vilnius University Library |
देश | लिथुआनिया |
प्रकार | शिक्षण संस्था का पुस्तकालय |
स्थापना | १५७० |
स्थान | विल्नुस, लिथुआनिया, यूरोप |
प्रवेश और उपयोग | |
सदस्य | २९ ००० |
अन्य जानकारी | |
निदेशक | इरेणा क्रिविएने (Irena Kriviene) |
वेबसाइट | http://www.mb.vu.lt/en/ |
विल्नुस विश्वविद्यालय के पुस्तकालय का सदर मकान उनिवेर्सितेतो ३ में, राष्ट्रपति भवन के पास स्थापित किया गया है। यहाँ १३ वाचनालय और ३ समूहों के कमरे हैं। दूसरे विल्नुस के स्थानों में अन्य पुस्तकालय के भाग मिलते हैं।
पुस्तकालय (और जेशूइट का महाविद्यालय) १५७० में जेशूइट के द्वारा स्थापित किया गया था। जेशूइट को लिथुआनिया में आने का निमंत्रण बिशप वलेरियोनस प्रोतसेविचिउस ने दिया। १५७९ महाविद्यालय विल्नुस विश्वविद्यालय हो गया, तो पुस्तकालय को विश्वविद्यालय के पुस्तकालय का नाम दिया गया था। ज़ीगिमन्तस औगुस्तस और बिशप गेओर्गियुस अल्बिनियुस ने पुस्तकालय को बड़े पुस्तकों के संग्रह उपहार में दिये। फिर पुस्तकालय को अपनी पुस्तकें दूसरे प्रसिद्ध व्यक्तित्वों ने उपहार में दीं - बिशप प्रोतसेविचिउस, कार्डिनल युर्गिस रद्विला, अभिजात सपिएगोस का परिवार, वगैरह।
लगातार पुस्तकों की राशि बढ़ रही थी - १७७३ में पुस्तकालय के कोष में लगभग ११ ००० पुस्तकें रखी गयी थीं। मतलब ही है २०० साल के दौरान पुस्तकों की राशि ने दोहराया।
युद्धों, जलनों और चोरियों के लिये पुस्तकालय का विस्तार किया नहीं जा सका इस लिये बहुत पुस्तकें दूसरे देशों में भेजी गयी थी (उदाहरण के लिये - रूस, पोलैंड, स्वीडन में, वगैरह)। १७७३ में जेशूइट संस्था बन्द करके विल्नुस के विश्वविद्यालय का आश्रय शिक्षात्मक अधिकार करने लगा। १७८१ में विश्वविद्यालय का नाम बदला गया था - विल्नुस विश्वविद्यालय को विल्नुस के सब से ऊँचे विद्यालय का नाम दिया गया था। उस समय शिक्षात्मक खोजों के लक्ष्य भी बदलने लगे इसी लिये पुस्तकालय के कोष में जीवविज्ञान और चिकित्सा की पुस्तकें भेजी जा रही थीं।
१७९४ के विद्रोह के बाद लिथुआनिया - पोलैंड का देश भागा गया था, तो लिथुआनिया की राजधानी रूस के साम्राज्य का भाग हो गया। १८०३ में विल्नुस के सब से ऊंचे विद्यालय को शाही विश्वविद्यालय का नाम दिया गया था।
१९ आयु में विल्नुस का विश्वविद्यालय सब से अच्छे रूस के विश्वविद्यालयों में से एक था इस लिये पुस्तकालय का विस्तार भी किया जा रहा था।
१८०४ में विश्वविद्यालय का निर्देशक प्रोफ़. एर्नेस्तस ग्रोदेकस हो गया। वह चेष्टा कर रहा था कि हरेक विल्नुसवासी पुस्तकालय का प्रयोक्ता हो जा सके।१८१५ से वैज्ञानिक, विद्यार्थी, अध्यापक पुस्तकों को घर में ले चल सके। उस समय पुस्तकालय छोटे औला (Small Aula) में स्थापित किया गया था। जोड़ने भी लायक है १९ आयु में ग्रन्थालय का सूचीपत्र बनाने लगा गया था। १८३२ में विल्नुस विश्वविद्यालय बन्द किया गया था। उस युग में पुस्तकालय की बड़ी हानि की जा रही थी- बहुत पुस्तकें रूस में भेजी जा रही थी। १८६५ में विल्नुस विश्वविद्यालय का पुस्तकालय फिर खुला गया था। उस समय पुस्तकालय को बहुत कीमती पुस्तकें उपहार में दी गयी थी। १९१४ में सब से बड़े रूस के साम्राज्य के पुस्तकालयों में से एक था लेकिन प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान पुस्तकालय की हानि फिर करने लगी गयी थी।
दूसरा विश्वयुद्ध के बाद पुस्तकालय के जीर्णोद्धार की आवश्यकता हो गई थी। जल्दी नये वाचनालय स्थापित किये गये थे। कहने भी लायक है कि उस समय बहुत ग्रस्त पुस्तकें वापस पा लिया जा सका। १९६८ में मरम्मत का विभाग स्थापित किया गया था। १९६९ में ग्रैफ़िक्स का कमरा खुला गया था।
१९७० -विल्नुस विश्वविद्यालय के पुस्तकालय की जयन्ती थी। उस पर बड़े समारोह की आयोजना की गयी थी। और भी पुस्तकालय के इतिहास का वृत्तचित्र बनाया गया था। बीसवी आयु के अन्त में विल्नुस विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में इन्टरनेट लभ्य था। उस समय यह काफ़ी नवीनता थी।
१९९३ से ग्रन्थालय का सूचीपत्र कम्प्यूटर के द्वारा और १९९४ से इन्टरनेट के द्वारा लभ्य हो गया। बाल्टिक देशों में से यह नवीनता भी थी।
२००० से विविध डाटाबेस मँगाने लगे गये थे जिनमें से EBSCO पहला था। २००१ के अन्त से पुस्तकालय के प्रयोक्ते पुस्तकों को इन्टरनेट के द्वारा मँगा सकते हैं। पुस्तकालय के वेबसाइट में पुस्तकों की जानकारी को देखा जा सकता है।
२००५ में अपाहिजों का केन्द्र ODISĖJAS खुला गया था। स्वतन्त्रता के बाद पुस्तकालय का बड़ा विस्तार किया जा रहा है। प्रतिवर्ष प्रयोक्तों की संख्या बढ़ रही है। आज विल्नुस विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में नवीनताएँ स्वीकार की जाती हैं और भी परम्पराएँ भूली नहीं जातीं।
विल्नुस विश्वविद्यालय के पुस्तकालय के प्रयोक्ते से हरेक व्यक्ति बना जा सकता है। यह बेदाम है। इस पुस्तकालय में परम्परागत और असाधारण व्यवस्थाओं को पाया जा सकता है। उदाहरण के लिये - कमरों और वाचनालयों का आरक्षण, सैर, वगैरह। प्रयोक्ते ईमेल और स्कैप के द्वारा पुस्तकालयाध्यक्ष को सवाल दे सकते हैं। अगर पुस्तकालय में आवश्यक पुस्तक नहीं है,तो प्रयोक्ता इस पुस्तक खरीदने का माँग कर सकता है।
इ-पुस्तकालय का प्रयोग हरेक प्रयोक्ता कर सकता है:
मानवतावादी समाचार का केन्द्र (Humanistics Information Centre) २००७ में खुला गया था। यहाँ के कमरों का आरक्षण बेदाम है। इस केन्द्र में डीवीडी का संग्रह रखा है। मानवतावादी समाचार के केन्द्र में चार वाचनालय हैं:
लिथुआनियन शास्त्र का वाचनालय (Lithuanian Reading Room) २००८ में खुला गया था। उसके दो भाग हैं। पहले भाग में लिथुआनिया के इतिहास, भाषा, साहित्य, संस्कृति और कला के संबंध दस्तावेज रखे हैं। दूसरे भाग को प्रोफ़. लेबेदिस का नाम दिया गया है। यहाँ लेबेदिस का स्वयंकृत संकलन रखा है। कहने भी लायक है कि लेबेदिस के कमरे में स्मारक प्रदर्शन देखा जा सकता है।
दर्शन का वाचनालय (Philosophy Reading Room) २०१० में खुला गया था। यहाँ ४ कमरे हैं जिनमें ५१ कर्यस्थल कराये गये हैं। दर्शन के वाचनालय में शिक्षा, दर्शन, [मनोविज्ञान]], समाज शास्त्र, चिकित्सा की पुस्तकें रखी हैं।
पूर्व शास्त्र का वाचनालय (Oriental Reading Room) २०११ में खुला गया था। यहाँ एशिया के भाषाओं, दर्शन, धर्मों और संस्कृतियों के संबंध दस्तावेज रखी हैं। हिन्दी, संस्कृत, जापानी, तिब्बती, चीनी, कोरियाई, तुर्की, अरबी, फ़ारसी भाषाओं में लिखी पुस्तकें भी रखी हैं। पूर्व शास्त्र का वाचनालय - पुस्तकालय की सब से शान्त जगह है जिसमें ध्यान का काम किया जा सकता है।
२०१३ के आरंभ में विल्नुस विश्वविद्यालय के पुस्तकालय का नया निर्माण खुला गया था जो बोल्टिक देशों के पुस्तकालयों में से सब से अधुनिक है। उसका नाम शिक्षात्मक संचारण और समाचार का केन्द्र (MKIC) है। यह न केवल पुस्तकालय बल्कि शिक्षा, शिक्षात्मक संचारण, समाचार और खयलों का केन्द्र है जो सारा दिन खुला है। निकट स्थापित किये दफ़्तरों के कर्मचारी, विद्यार्थी, परदेशी प्रशिक्षु, दर्शक और विविध सभाओं के उपस्थित व्यक्ति यहाँ आकर आवश्यक समाचार पा सकते हैं। शिक्षात्मक संचारण और समाचार का केन्द्र सौलेटेकिस [उषा] टेकनिक घाटी में स्थापित किया गया है। यहाँ विल्नुस विश्वविद्यालय के चार विभाग, विल्नुस गेदिमिनस के विश्वविद्यालय के सारे विभाग और बहुत से छात्रालय भी स्थापित किये गये हैं। भविष्य में टेकनिक घाटी में विल्नुस विश्वविद्यालय के दूसरे विभाग, विविध कम्पनी और इन्स्टिटूट स्थापित किये जाएँगे। शिक्षात्मक संचारण और समाचार का केन्द्र टेकनिक घाटी का पहला निर्माण है।
शिक्षात्मक संचारण और समाचार के केन्द्र में तीन भाग हैं। सब से बड़े भाग में पाँच मन्ज़िलें हैं जिनमें सामाजिक विज्ञान, अर्थनीति के वाचनालय और सभाकक्ष स्थापित किये गये हैं। दूसरे केन्द्र के भाग में भौतिकी और टेकनिक के वाचनालय स्थापित किये गये हैं। सब से छोटे भाग में कर्मचारी लोग काम करते हैं। यहाँ फ़ुरसत का वाचनालय और ढाबा भी स्थापित किये गये हैं। यह शान्ति की जगह नहीं है - यहाँ दोस्तों और सहकारियों से मिला जा सकता है। जोड़ने तो लायक है कि दूसरे भागों में असाधारण आराम के स्थान स्थापित किये गये हैं। सारे वाचनालयों में विशिष्ट चारपाई हैं जिन पर आराम करना और पुस्तकें पढ़ना सम्भव है। केन्द्र में परिवार आने का निमंत्रण भी दिया जाता है क्योंकि यहाँ खेल कमरा स्थापित किया गया हैं। अधुनिक पुस्तकालय में ६७४ कर्यस्थान स्थापित किये गये हैं। कर्मचारियों की संख्या लगभग ८० है।
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