विजय कुमार सिंह
भारतीय राजनीतिज्ञ विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
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जनरल विजय कुमार सिंह, परम विशिष्ट सेवा मैडल, अति विशिष्ट सेवा मैडल, युद्ध सेवा मैडल, एडीसी (जन्म: 10 मई 1951) भारतीय सेना को २६वें थल-सेनाध्यक्ष थे।[1] वर्तमान में वे गाज़ियाबाद से भाजपा के सांसद है तथा नरेंद्र मोदी नीत सरकार में उत्तर-पूर्वी भारत से संबंधित मामलों के राज्यमंत्री एवं मोदी सरकार के प्रथम कार्यकाल मेंविदेश राज्य मंत्रीरहे। वर्तमान में गाजियाबाद लोक सभा से दुबारा जीत कर लोकसभा पहुंचे हैं और भारत सरकार में सड़क, परिवहन एवं राष्ट्रीय राज्यमार्ग राज्य मंत्री है। जनरल के पद तक पहुँचने वाले वे पहले प्रशिक्षित कमांडो हैं और वे एसे प्रथम भारतीय सेना प्रमुख हैं जो सरकार को न्यायालय तक र गये।
जनरल विजय कुमार सिंह | |
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जनरल विजय कुमार सिंह, सेना प्रमुख | |
जन्म |
10 मई 1951 बापोरा , भिवानी, भारतਬਿਜਲੀ ਰਾਜਭਰ |
देहांत | ਬਿਜਲੀ ਰਾਜਭਰ |
निष्ठा | भारत |
सेवा/शाखा | भारतीय सेना |
सेवा वर्ष | 1970–2012 |
उपाधि | जनरल |
दस्ता | 2 राजपूत |
नेतृत्व |
भारत के राष्ट्रपति को माननीय सैन्यादेशवाहक राजपूत रेजीमेंट के कर्नल ब्रिगेड ऑफ गार्डस के मानद कर्नल जीओसी-इन-सी पूर्वी कमान जीओसी खड्ग वाहिनी जीओसी राष्ट्रीय राइफल्स फोर्स कमांडर इन्फैंट्री ब्रिगेड सीओ २ राजपूत (कलि चिंदी) |
युद्ध/झड़पें |
१९७१ का भारत-पाक युद्ध, ऑपरेशन पवन |
सम्मान |
परम विशिष्ट सेवा मैडल अति विशिष्ट सेवा मैडल युद्ध सेवा मैडल |
जनरल [1]विजय कुमार सिंह केंद्रीय मंत्री परिषद और भारत के सड़क और परिवहन मंत्री[2]। जनरैल वी। के। सिंह के पुत्र विवेक [फ्रामहाउस के मालिक]। जनरल वी.के. सिंह नेफ्यू पीयूष [भारत के पेट्रोलियम प्रमुख]। कुणाल [भाजपा में मंत्री]। हैरी [क्लबों के मालिक सभी क्लब भारत से बाहर हैं]। हार्दिक [स्कूल एसटीजे में अध्ययन]। जनरल वी के सिंह पूर्व विदेश मंत्री । [3]
विजय कुमार सिंह भारतीय राज्य हरियाणा के भिवानी ज़िले के बपोरा गाँव से हैं। वो लगातार तीसरी पीढ़ी में अधिकारी हैं।[3] उनके पिता भारतीय सेना में कर्नल थे और उनके पितामह (दादा) जूनियर कमीशन अफ़सर (JCO) थे। सिंह ने बिड़ला पब्लिक स्कूल, पिलानी, राजस्थान से शिक्षा प्राप्त की।[2]
सिंह को 14 जून 1970 को राजपूत रेजीमेंट की द्वितीय वाहिनी (काली चिण्डी) में नियुक्त किया गया। बाद में उन्होंने इसी इकाई कमान सम्भाली जब इसे पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा पर तैनात किया गया।[4]
सिंह 31 मई 2012 को २६ माह की सेवा के बाद थल-सेनाध्यक्ष के पद से मुक्त हुए। उनके बाद इस पद पर बिक्रम सिंह पदस्त हुए।[5] सेवानिवृत्ति के तुरन्त बाद सिंह ने अन्ना हजारे द्वारा चलाये जा रहे भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन का समर्थन प्रदर्शित किया।[6]
11 मार्च 2011 को यूनाइटेड स्टेट्स आर्मी वर कॉलेज (२००१ के स्नातक वर्ग में) ने इंटरनेशनल फेलोज हॉल ऑफ़ फेम (अंतर्राष्ट्रीय अध्येता) से प्रतिष्ठापित किया। अंतर्राष्ट्रीय अध्येता के रूप में नवाजे गये वो प्रथम भारतीय सेना-अधिकारी एवं कुल ३३वें व्यक्ति हैं।[7]
वर्तमान में जनरल वी॰के॰ सिँह भारत के गाजियाबाद संसदीय क्षेत्र से सांसद है। वे 1 मार्च 2014 को वी॰के॰ सिंह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए। इस मौके पर जनरल सिंह ने कहा कि "भाजपा ही राष्ट्रहित में काम करने वाली पार्टी है और एक सैनिक के नाते 42 साल तक देश की रक्षा करने के बाद अब मैं इस पार्टी के जरिए देश की सेवा करना चाहता हूं"। इससे पहले उन्होंने हरियाणा में भाजपा के प्रधनमंत्री पद के उम्मीद्वार नरेंद्र मोदी की रैली में उनके साथ मंच साझा किया था।[8]
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