वरुण के प्राकृतिक उपग्रह
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हमारे सौर मण्डल के आठवे ग्रह वरुण (नॅप्टयून) के १३ ज्ञात प्राकृतिक उपग्रह हैं।[1] इनमें से ट्राइटन बाक़ी सबसे बहुत बड़ा है। अगर वरुण के सारे चंद्रमाओं का कुल द्रव्यमान देखा जाए तो उसका ९९.५% इस एक उपग्रह में निहित है।[2] ट्राइटन वरुण का इकलौता उपग्रह है जो अपने गुरुत्वाकर्षक खिचाव से अपना अकार गोल कर चुका है। बाक़ी सभी चंद्रमाओं के अकार बेढंगे हैं। ट्राइटन का अपना पतला वायुमंडल भी है, जिसमें नाइट्रोजन के साथ-साथ थोड़ी मात्रा में मीथेन और कार्बन मोनोऑक्साइड भी मौजूद हैं। ट्राइटन की सतह पर औसत तापमान -२३५.२° सेंटीग्रेड है। १९८६ में पास से गुज़रते हुए वॉयेजर द्वितीय यान ने कुछ ऐसी तस्वीरें ली जिनमें ट्राइटन के वातावरण में बादलों जैसी चीज़ें नज़र आई थीं। ट्राइटन की वरुण की इर्द-गिर्द परिक्रमा की कक्षा थोड़ी अजीब है जिस से वैज्ञानिक अनुमान लगते हैं के ट्राइटन वरुण से दूर कहीं और बना था और भटकते हुए वरुण के पास जा पहुंचा जहाँ वह वरुण के तगड़े गुरुत्वाकर्षण की पकड़ में आ गया और तब से उसकी परिक्रमा कर रहा है।