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लियाओ राजवंश
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लियाओ राजवंश (चीनी: 遼朝, लियाओ चाओ; ख़ितानी: मोस जैलुत; अंग्रेजी: Liao Dynasty) जिसे ख़ितानी साम्राज्य ( 契丹國, चिदान गुओ, Khitan Empire) भी कहा जाता है पूर्वी एशिया का एक साम्राज्य था जो मंगोलिया, कज़ाख़स्तान के कुछ भागों, रूस के सुदूर पूर्वी भागों और उत्तरी चीन पर विस्तृत था। इसकी स्थापना चीन में तंग राजवंश के पतन के दौरान ख़ितानी लोगों के महान ख़ान अबाओजी ने की थी। यह साम्राज्य ९०७ ईसवी से ११२५ ईसवी तक चला।
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सन् ११२५ ई में जुरचेन लोगों के जिन राजवंश (१११५–१२३४) ने लियाओ राजवंश का नाश कर दिया।[1] फिर भी इसके कुछ लोग बचकर निकल गए और येलु दाशी नामक नेता के नेतृत्व में उन्होंने कारा-ख़ितान ख़ानत की नीव रखी। यह ख़ानत ११२५ ईसवी से १२२० ईसवी तक चली और इसका प्रभाव मध्य एशिया से ईरान तक फैला हुआ था।[2] १२२० ईसवी में चंगेज़ ख़ान की मंगोल फ़ौज ने इसे ध्वस्त कर दिया।