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विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
लाइन्क्स, कर्सर-एड्रेसियेबल कैरेक्टर सेल टर्मिनलों[2] पर इस्तेमाल किया जाने वाला एक टेक्स्ट-आधारित वेब ब्राउज़र है और इसे काफी आसानी से कॉन्फ़िगर (विन्यसित) किया जा सकता है।[3]
लाइन्क्स में ब्राउज़िंग करने में शामिल हैं - कर्सर कुंजियों का उपयोग करके चयनित लिंक को हाइलाइट करना, या किसी पृष्ठ के सभी लिंक्स को संख्याबद्ध करना और चयनित लिंक के नंबर को डालना (एंटर करना). वर्तमान संस्करण, एसएसएल (SSL)[3] और कई एचटीएमएल (HTML) सुविधाओं का समर्थन करते हैं। तालिकाओं को स्पेस का उपयोग करके फॉर्मेट किया जाता है, जबकि फ्रेम्स को नाम से पहचाना जा सकता है और अलग पन्नों के समान ही अन्वेषित भी किया जा सकता है। लाइन्क्स, वेब पर इमेज और वीडियो जैसी गैर-टेक्स्ट सामग्रियों को स्वाभाविक रूप से प्रदर्शित नहीं कर सकता है,[2] लेकिन इनको देखने के लिए यह इमेज व्यूअर या वीडियो प्लेयर जैसे बाहरी प्रोग्रामों को शुरू कर सकता है।
अपने टेक्स्ट-टू-स्पीच-फ्रेंडली इंटरफ़ेस की वजह से लिंग्ज़ किसी समय में दृष्टिहीन उपयोगकर्ताओं के बीच काफी लोकप्रिय था,[4] लेकिन उससे बेहतर स्क्रीन रीडरों ने इसकी लोकप्रियता को कम कर दिया है।[4] लाइन्क्स का उपयोग पुराने ब्राउज़रों में वेबसाइटों की उपयोगिता की जांच के लिए भी किया जाता है। इसे अभी भी कई यूनिक्स उताप्दों तथा लिनक्स वितरणों में शामिल किया जाता है,[5] और यदि केवल एक पाठ आधारित वातावरण उपलब्ध हो तो यह दस्तावेजों को पढ़ने तथा फाइलों को डाउनलोड[6] करने में विशेष रूप से उपयोगी रहता है। यह, रिमोट तरीके से जुड़ी प्रणालियों से ग्राफिकल डिस्प्ले की अनुपलब्धता वाली वेबसाइटों तक पहुँचने के लिए भी उपयोगी है।[6] अपनी टेक्स्ट-ओनली प्रकृति तथा आयु के बावजूद, इसे अभी भी अधिकांश आधुनिक वेब को ब्राउज़ करने के लिए प्रभावी रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है, जिसमें विकिपीडिया को संपादित करने जैसे इंटरेक्टिव कार्य भी शामिल हैं। टेक्स्ट-ओनली ब्राउज़िंग के गति संबंधी लाभों को सबसे स्पष्ट रूप से कम बैंडविड्थ वाले इंटरनेट कनेक्शन, या काफी बड़ी छवियों वाली सामग्री को धीरे धीरे दर्शाने वाले पुराने कंप्यूटर हार्डवेयर के प्रयोग के समय देखा जा सकता है।
चूँकि लाइन्क्स ग्राफिक्स का समर्थन नहीं करता है, उपयोगकर्ता जानकारी को ट्रैक करने वाले वेब बग निष्क्रिय हो जाते हैं और ईमेल को ग्राफ़िक वेब ब्राउज़रों[7] की गोपनीयता संबंधी चिंताओं के बिना ही पढ़ा जा सकता है —हालांकि कई वेबमेल सेवाएं आजकल ईमेल की छवियों को डिफॉल्ट रूप से निष्क्रिय कर के रखती हैं और अधिकांश ग्राफिक वेब ब्राउजर भी छवियों को अक्षम करने की अनुमति प्रदान करते हैं।[उद्धरण चाहिए]
लाइन्क्स, उपयोगकर्ता जानकारी को ट्रैक करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली HTTP कुकीज[2] का तो समर्थन करता है, लेकिन यह जावास्क्रिप्ट का समर्थन नहीं करता है इसलिए कुछ वेबसाइटों द्वारा ठीक तरीके से काम करने के लिए आवश्यक जावास्क्रिप्ट कुकीज भी इसमें काम नहीं करती हैं। हालांकि, अधिकांश वेब ब्राउज़रों की ही तरह लिंग्ज़ में भी कुकीज को अक्षम किया जा सकता है। इसी तरह, लिंग्ज़ ब्राउज़िंग इतिहास और पृष्ठ कैशिंग का भी समर्थन करता है; ये दोनों गोपनीयता संबंधी चिंताओं को बढ़ा सकते हैं।[उद्धरण चाहिए]
लाइन्क्स, केन्सास विश्वविद्यालय[7] की एकेडेमिक कम्प्यूटिंग सर्विसेज के भीतर के डिस्ट्रीब्यूटेड कम्प्यूटिंग ग्रुप का एक उत्पाद था और मूल रूप से इसको विश्वविद्यालय के छात्रों के एक समूह (लोउ मोंटुली, माइकेल ग्रोब, तथा चार्ल्स रेजैक) द्वारा 1992 में एक हाइपरटेक्स्ट ब्राउज़र के रूप में विकसित किया गया था जिसका उपयोग गोफर स्पेस को ब्राउज़ करने तथा कैम्पस-वाइड इन्फॉर्मेशन सर्वर के एक हिस्से के रूप में केवल कैम्पस की जानकारियों को वितरित करने के लिए किया जाता था।[4] 22 जुलाई 1992 को यूज़नेट पर बीटा उपलब्धता की घोषणा की गयी।[8] 1993 में मोंटुली ने एक इंटरनेट इंटरफ़ेस को जोड़ा और ब्राउज़र के एक नए संस्करण (2.0) को जारी किया।[9][10]
गैरेट ब्लाईथ ने अप्रैल 1994[11] में डॉसलिंग्ज़ (DosLynx) की रचना की और बाद में लिंग्ज़ प्रयासों में भी शामिल हो गए। फोटियोस मेकराइड्स ने अधिकांश लिंग्ज़ को वीएमएस पर भेज दिया और कुछ समय तक इसका रख-रखाव भी किया। 1995 में, लिंग्ज़ को GNU जनरल पब्लिक लाइसेंस के तहत जारी किया गया और अब डिकी थॉमस के नेतृत्व में स्वयंसेवकों के एक समूह द्वारा इसका रख-रखाव किया जाता है।
लिंग्ज़ को मूल रूप से यूनिक्स और वीएमएस के लिए डिजाइन किया गया था और यह लिनक्स पर एक लोकप्रिय कंसोल ब्राउज़र है। डॉस (DOS) के लिए भी संस्करण उपलब्ध हैं; इसके हाल के संस्करण माइक्रोसॉफ्ट विंडोज के सभी संस्करणों और मैक ओएस एक्स (Mac OS X) पर भी काम करते हैं।[12][13] "सिस्टम 7 और उसके बाद के संस्करणों के "मैकलिंग्ज़ (MacLynx) नामक एक "क्लासिक" मेकिनटोश संस्करण के लिए एक प्रारंभिक पोर्ट भी मौजूद था।[14] बीओएस (BeOS), एमआईएनआईएक्स (MINIX) (क्यूएनएक्स (QNX), एमेगाओएस (AmigaOS) (एलिंग्ज़ (ALynx) कहा गया)[7] और ओएस/2 (OS/2) (जिसे Lynx/2 कहा जाता है)[7] के लिए पोर्ट्स भी उपलब्ध हैं।
libwww[15][16] पर आधारित होने के कारण लिंग्ज़ कंप्यूटर के कई प्रोटोकॉल का समर्थन करता है: गोफर, एचटीटीपी (HTTP), एचटीटीपीएस (HTTPS)[3] एफटीपी (FTP), डब्ल्यूएआईएस (WAIS) और एनएनटीपी (NNTP).
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