राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला
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राष्ट्रीय मैटलर्जी प्रयोगशाला, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद की भारत में फैली ३८ प्रयोगशालाओं में से एक है। इस प्रयोगशाला की आधारशिला २१ नवम्बर १९४६ को भारत के प्रथम गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी द्वारा रखी गयी थी। प्रयोगशाला का उद्घाट्न २६ नवम्बर १९५० को जवाहर लाल नेहरु ने किया था। यह जमशेदपुर के बर्मामाइन्स क्षेत्र में स्थित है।
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राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला ने खनिज प्रसंस्करण, लोहा और इस्पात बनाने, लौह धातुओं और गैर-लौह धातुओं के निष्कर्षण (विशेष रूप से मैग्नीशियम) के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1970 के दशक की शुरुआत में CSIR-NML में एशिया की सबसे बड़ी विसर्पण-परीक्षण (क्रीप टेस्ट) सुविधा भी स्थापित की गई थी और आज भी यह एशिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रीप-परीक्षण प्रयोगशाला है।