रायलसीमा
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रायलसीमा भारत का एक "अनाधिकारिक" भौगोलिक क्षेत्र है जो आंध्र प्रदेश प्रान्त का एक हिस्सा है, इस क्षेत्र में मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश के कर्नूल, नंद्याल, श्री सत्या साई, अन्नामय्या, तिरुपति , कुडप्पा, अनंतपुर और चित्तूर जिले आते हैं। [2][3]
रायलसीमा | |
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आंध्र प्रदेश का प्रांतीय क्षेत्र | |
आंध्र प्रदेश में रायलसीमा | |
प्रांत | भारत |
राष्ट्र | आंध्र प्रदेश |
जिले |
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क्षेत्रफल[1] | |
• कुल | 67526 किमी2 (26,072 वर्गमील) |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 1,51,84,908 |
• घनत्व | 226 किमी2 (590 वर्गमील) |
Languages | |
• Official | तेलुगु - उर्दू |
समय मण्डल | IST (यूटीसी+05:30) |
बड़ा शहर |
2011 की भारत की जनगणना के अनुसार, चार जिलों वाले क्षेत्र में 15,184,908 की आबादी थी और 67,526 किमी 2 (26,072 वर्ग मील) का क्षेत्र शामिल था। [4]
रायलसीमा का अधिकांश हिस्सा तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के अन्य तटीय इलाकों के मुक़ाबले अविकसित या अर्धविकसित है। तेलंगाना के अलग राज्य के रूप में माँग की जोर पकड़ने के कारण रायलसीमा के दु:खों पर केन्द्रित कई आंदोलन भी खड़े हुये हैं। इन सारे आंदोलनों का प्रमुख ध्येय रायलसीमा की समस्याओं पर ध्यान आकर्षित करना होता है। खासकर कृष्णा नदी और गोदावरी के पानी इनकी सबसे बड़ी समस्या है जिसके न होने से यहाँ हर साल लगभग अकाल जैसी स्थिति होती है। इस ईलाके के ज्यादातर लोग तेलंगाना की तर्ज पर अलग प्रान्त की माँग, या आंध्र प्रदेश की राजधानी को रायलसीमा में स्थानांतरित करने की माँग पर सहमत दिखते हैं।