रामलिंग राजू घोटाले में फंसी भारत की प्रसिद्ध सॉफ्टवेयर कंपनीसत्यम के संस्थापक और पूर्व चैयरमैन रहे हैं। अपनी ही कंपनी में 7800 करोड़ रुपये के घोटाले के आरोप में कंपनी के कई अधिकारियों सहित जेल में हैं। सीबीआई सहित कई जांच एजेंसियां कॉर्पोरेट जगत के इस सबसे बड़े घोटाले की जांच कर रही है जिसके मुख्य आरोपी रामलिंग राजू हैं

रामलिंग राजू

जीवन वृत

रामलिंग राजू का जन्म 16 सितंबर 1954 को हुआ। वे सत्यम कंप्यूटर्स के संस्थापक हैं और 7 जनवरी 2009 तक सत्यम के अध्यक्ष रह चुके हैं। इसी तारीख को उन्होंने कॉर्पोरेट घोटाले की बात स्वीकार करते हुए सत्यम बोर्ड से त्यागपत्र दे दिया। राजू ने स्वीकार किया कि वे साल-दर-साल अपने बजट में भारी अंतर और लाभ दिखाते रहे, जबकि कंपनी लगातार घाटे में चल रही थी। बाद में, राजू पर सत्यम के धन को अपनी दूसरी कंपनियों में लगाने का आरोप लगा। सीबीआई ने भी कहा कि राजू की 320 से ज्यादा कंपनियां हैं और सत्यम घोटाला करीब 10000 हजार करोड़ रुपये का है। राजू इस समय अनेक आपराधिक आरोपों, धोखाधड़ी के आरोपों में हैदराबाद के चंचलगुड़ा जेल में बंद हैं और इस घोटाले की जांच चल रही है।

व्यवसाय

राजू ने सन 1987 में सत्यम की स्थापना की। बाद में उसने विनिर्माण और वस्त्र-निर्माण जैसे व्यवासायों में भी हाथ आजमाया. उन्होंने सत्यम की शुरुआत महज बीस कर्मचारियों से की, जो सूचना-प्रौद्योगिकी से संबंधित परियोजनाओं को पूरा करने का काम ठेके पर लेता था। ये परियोजनाएं अक्सर कंपनी को अमेरिका से मिलती थी। सत्यम का तेजी से विकास हुआ और जल्द ही यह बहुराष्ट्रीय कंपनी में बदल गई और आज विभिन्न देशों में इसके हजारों कर्मचारी काम कर रहे हैं। व्यवसायिक सफलता को राजू ने समाजोन्मुख बताया और उन्होंने बाइराजू फाउंडेशन के माध्यम से समाज सुधार की कई सेवाएं शुरू की।

धोखाधड़ी

दिसंबर 2008 में राजू की ही एक कंपनी मेटास के अधिग्रहण की खबरों

पुरस्कार

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ

Wikiwand in your browser!

Seamless Wikipedia browsing. On steroids.

Every time you click a link to Wikipedia, Wiktionary or Wikiquote in your browser's search results, it will show the modern Wikiwand interface.

Wikiwand extension is a five stars, simple, with minimum permission required to keep your browsing private, safe and transparent.