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युवा तुर्क आन्दोलन
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युवा तुर्क आन्दोलन (तुर्की भाषा: Jön Türkler, फ्रांसीसी भाषा के Les Jeunes Turcs से, या तुर्की: Genç Türkler) २०वीं शताब्दी के आरम्भिक दिनों में आरम्भ हुआ एक राजनीतिक सुधार का आन्दोलन था। इसका उद्देश्य उस्मानिया साम्राज्य के पूर्ण राजतंत्र (absolute monarchy) को समाप्त करके वहाँ संवैधानिक राजतंत्र स्थापित करना था। बाद में इस आन्दोलन को 'एकता और प्रगति समिति' (तुर्की भाषा में - İttihat ve Terakki Cemiyeti) नाम से जाना गया। 1908 में इसके नेताओं ने सुल्तान अब्दुल हमीद द्वितीय के एकछत्र शासन के विरुद्ध विद्रोह का नेतृत्व किया किया। इस आन्दोलन के फलस्वरूप 1908 में द्वितीय संवैधानिक युग आरम्भ हुआ और तुर्की के इतिहास में पहली बार बहुदलीय लोकतांत्रिक शासन पद्धति आरम्भ हुई।
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बीसवीं शताब्दी में तुर्की को ‘यूरोप का मरीज’ कहा करते थे। यह आन्दोलन तुर्की को एक नया जीवन प्रदान करने के लिए चला, जिसके फलस्वरूप सुल्तान अब्दुल हमीद की निरंकुशता का अन्त हो गया। इस आन्दोलन को चलाने वाला तुर्कों का युवावर्ग था, इसलिए इसे ‘युवा तुर्क’ आन्दोलन कहते हैं।[1]