यक्ष्मा
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यक्ष्मा, तपेदिक, क्षयरोग, एमटीबी या टीबी (tubercle bacillus का लघु रूप) एक सामान्य और कई घटनाओं में घातक संक्रामक बीमारी है जो माइक्रोबैक्टीरिया, सामान्यतःमाइकोबैक्टीरियम तपेदिक के विभिन्न प्रकारों के कारण होती है।[1] क्षय रोग सामान्य रूप से फेफड़ों पर आक्रमण करता है, किंतु यह शरीर के अन्य भागों को भी प्रभावित कर सकता हैं। यह श्वास के माध्यम से तब फैलता है, जब वे लोग जो सक्रिय टीबी संक्रमण से ग्रसित हैं, खांसी, छींक, अथवा किसी अन्य प्रकार से श्वास के माध्यम से अपना लार संचारित कर देते हैं।[2] अधिकतर संक्रमण स्पर्शोन्मुख और भीतरी होते हैं, किंतु दस में से एक भीतरी संक्रमण, अंततः सक्रिय रोग में बदल जाते हैं, जिनको यदि बिना उपचार किये छोड़ दिया जाये तो ऐसे संक्रमित लोगों में से 50% से अधिक की मृत्यु हो जाती है।
यक्ष्मा वर्गीकरण एवं बाह्य साधन | |
Chest X-ray of a person with advanced tuberculosis. Infection in both lungs is marked by white arrow-heads, and the formation of a cavity is marked by black arrows. | |
आईसीडी-१० | A15.–A19. |
आईसीडी-९ | 010–018 |
ओएमआईएम | 607948 |
डिज़ीज़-डीबी | 8515 |
मेडलाइन प्लस | 000077 000624 |
ईमेडिसिन | med/2324 emerg/618 radio/411 |
एम.ईएसएच | D014376 |
सक्रिय टीबी संक्रमण के आदर्श लक्षण रक्त-वाली थूक के साथ पुरानी खांसी, बुखार, रात को पसीना आना और भार घटना हैं (बाद का यह शब्द ही पहले इसे "खा जाने वाला/यक्ष्मा" कहा जाने के लिये उत्तरदाई है)। अन्य अंगों का संक्रमण, लक्षणों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रस्तुत करता है। सक्रिय टीबी का निदान रेडियोलोजी, (आम तौर पर छाती का एक्स-रे) के साथ-साथ माइक्रोस्कोपिक जांच तथा शरीर के तरलों की माइक्रोबायोलॉजिकल कल्चर पर निर्भर करता है। भीतरी अथवा छिपे टीबी का निदान ट्यूबरक्यूलाइन त्वचा परीक्षण (TST) और/अथवा रक्त परीक्षणों पर निर्भर करता है। उपचार कठिन है और इसके लिये, समय की एक लंबी अवधि में कई एंटीबायोटिक औषधियों के माध्यम से उपचार की आवश्यकता पड़ती है। यदि आवश्यक हो तो सामाजिक संपर्कों की भी जांच और उपचार किया जाता है। औषधियों के प्रतिरोधी तपेदिक (MDR-TB) संक्रमणों में एंटीबायोटिक प्रतिरोध एक बढ़ती हुई समस्या है। रोकथाम जांच कार्यक्रमों और बेसिलस काल्मेट-गुएरिन बैक्सीन द्वारा टीकाकरण पर निर्भर करती है।[3]
ऐसा माना जाता है कि विश्व की जनसंख्या का एक तिहाई एम.तपेदिक,[4] से संक्रमित है, नये संक्रमण प्रति सेकंड एक व्यक्ति की दर से बढ़ रहे हैं।[4] एक अनुमान के अनुसार, 2007 में विश्व में, 13.7 मिलियन जटिल सक्रिय घटनाएं थी,[5] जबकि 2010 में लगभग 8.8 मिलियन नई घटनाएं और 1.5 मिलियन संबंधित मृत्यु हुई जो कि अधिकतर विकासशील देशों में हुई थीं।[6] 2006 के बाद से तपेदिक घटनाओं की संख्या घटी है और 2002 के बाद से नई घटनाओं में गिरावट आई है।[6] तपेदिक का वितरण विश्व भर में एक समान नहीं है; कई एशियाई और अफ्रीकी देशों में जनसंख्या का 80% ट्यूबरक्यूलाइन परीक्षणों में सकारात्मक पायी गयी, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका की जनसंख्या का 5-10% परीक्षणों के प्रति सकारात्मक रहा है।[1] प्रतिरक्षा में समझौते के कारण, विकासशील दुनिया के अधिक लोग तपेदिक से पीड़ित होते हैं, जो कि मुख्य रूप से HIV संक्रमण की उच्च दर और उसके एड्स में विकास के कारण होता है।[7]