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मीन कैम्फ
मीन कैम्फ / From Wikipedia, the free encyclopedia
मॅन् काम्प्फ़् (जर्मन: Mein Kampf) (अर्थ: मेरा सङ्घर्ष) जर्मनी के तानाशाह और पूर्व चांसलर ऍडॉल्फ़ हिटलर द्वारा लिखित एक पुस्तक है। इसमें हिटलर की आत्मकथा के साथ-साथ उसकी राजनीतिक विचारधारा और जर्मनी के बारे में उसकी योजनाओं का वर्णन है। यह पुस्तक दो भागों में छपी - प्रथम भाग सन् १९२५ में और द्वितीय भाग सन् १९२६ में छपा।[1] इस पुस्तक को हिटलर के सहायक रुडॉल्फ़ हॅस ने सम्पदित किया था।[2][3]
मॅन् काम्प्फ़् मेरा सङ्घर्ष | |
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लेखक | ऍडॉल्फ़ हिटलर |
देश | जर्मनी |
भाषा | जर्मन |
विषय | आत्मकथा |
प्रकाशक | फ़्रॅन्ज़ ऍह्र नॅख़फ़ोल्गर |
प्रकाशन तिथि | 18 जुलाई 1925 |
अंग्रेजी में प्रकाशित हुई |
13 अक्तूबर 1933 (संक्षिप्त) 1939 (पूरा) |
मीडिया प्रकार | कठोर जिल्द |
पृष्ठ | 720 |
आई॰एस॰बी॰एन॰ | 978-1495333347 |
उत्तरवर्ती | त्स्वाइटस बुख़ |
नवम्बर १९२३ में राजनीतिक वजहों से जेल में क़ैद होने पर हिटलर ने अपनी इस किताब को बोलना आरम्भ किया जिसे हेस लिखता गया। लेखन के दौरान हिटलर को लगा कि यह पुस्तक दो हिस्सों में होनी चाहिए। लॅण्ड्सबर्ग जेल के जेलर के अनुसार हिटलर को ऐसा लगता था कि यह पुस्तक कई हिस्सों और संस्करणों में छपेगी और इससे मुक़दमे में होने वाले ख़र्च की भरपाई हो सकेगी। [4][5] 2016 में बायर्न सरकार के इस पुस्तक पर एकाधिकार (कॉपीराइट) ख़त्म होने के बाद मॅन् काम्प्फ़् सन् १९४५ के बाद एक बार फिर जर्मनी में प्रकाशित होना प्रारम्भ हुआ।