भारत के भू-आकृतिक प्रदेश
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भारत एक विशाल देश है जिसमें अनेक धरातलीय विविधताएँ, विषमताएँ और जटिलताएँ पाई जाती हैं। यहाँ ऊँचे-ऊँचे पर्वत, पठार तथा समतल मैदानी सभी प्रकार की स्थलाकृतियाँ पाई जाती है। इनकी विद्यमानता के परिणाम स्वरूप भारत का भू-आकृति प्रादेशीकरण (Physiographic Regionalisation) अत्यन्त कठिन कार्य है। इस कार्य के लिए लम्बे समय से अनेक विद्वान प्रयत्नशील रहे हैं, परन्तु वे त्रुटिमुक्त प्रादेशीकरण प्रस्तुत करने में सफल नहीं हो सके। इस क्षेत्र में आर. एल0 सिंह और बी0 के0 राय के प्रयास काफी सराहनीय एवं अग्रणी माने जाते हैं। इनका संक्षिप्त विवरण निम्नांकित है :