![cover image](https://wikiwandv2-19431.kxcdn.com/_next/image?url=https://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/e/e4/India_South_Korea_Locator.png/640px-India_South_Korea_Locator.png&w=640&q=50)
भारत-दक्षिण कोरिया संबंध
From Wikipedia, the free encyclopedia
भारत गणराज्य और कोरिया गणराज्य संबंध पिछले 2,000 वर्षों से मजबूत रहे हैं, हालांकि पिछले तीन दशकों के दौरान काफ़ी अधिक प्रगति देखने को मिली है। कोरिया और भारत हर पहलू में बहुत सी समानताएँ साझा करते हैं। 10 दिसंबर 1973 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की औपचारिक स्थापना के बाद से कई व्यापार समझौते हुए हैं: जैसे 1974 में व्यापार संवर्धन और आर्थिक और तकनीकी सहयोग पर समझौता (Agreement on Trade Promotion and Economic and Technological Co-operation); 1976 में विज्ञान और प्रौद्योगिकी में सहयोग पर समझौता (Agreement on Co-operation in Science & Technology); 1985 में दोहरे कराधान से बचाव पर कन्वेंशन (Convention on Double Taxation Avoidance); और 1996 में द्विपक्षीय निवेश संवर्धन / संरक्षण समझौता (Bilateral Investment Promotion/ Protection Agreement)
![]() | |
![]() भारत |
![]() दक्षिण कोरिया |
---|---|
Diplomatic Mission | |
दक्षिण कोरिया में भारतीय दूतावास, सियोल, दक्षिण कोरिया | भारत में दक्षिण कोरियाई दूतावास, नई दिल्ली, भारत |
Envoy | |
दक्षिण कोरिया में भारतीय उच्चयुक्त (Amit Kumar) | भारत में दक्षिण कोरियाई उच्चयुक्त (Chang Jae-Bok) |
जून 2012 में भारत, जो हथियारों और सैन्य हार्डवेयर के एक प्रमुख आयातक है, ने दक्षिण कोरिया से आठ युद्धपोतों की योजना बनाई लेकिन बाद में इसे रद्द कर दिया। भारत और कोरिया गणराज्य संबंधों ने हाल के वर्षों में काफी प्रगति की है और वास्तव में बहुआयामी बन गए है, जो परस्पर हितों के अभिसरण, आपसी सद्भाव और उच्च स्तरीय आदान-प्रदान द्वारा फले-फूले हैं। प्रधानमंत्री डॉ॰ मनमोहन सिंह ने परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन से संबंधित 24 से 27 मार्च 2012 तक सियोल की आधिकारिक यात्रा की, जिससे द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी और गहरी हो गई, जिसकी नींव राष्ट्रपति ली म्युंग-बाक की भारत यात्रा के दौरान पड़ी थी। ब्लू हाउस (दक्षिण कोरिया का राजभवन) में दोनों नेताओं की उपस्थिति में 25 मार्च 2012 को वीजा सरलीकरण पर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। पीएम की यात्रा के दौरान एक संयुक्त वक्तव्य भी जारी किया गया था। पीएम ने आखिरी बार जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए 10 से 12 नवंबर, 2010 तक सियोल का दौरा किया था। इससे पहले राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल 24-27 जुलाई 2011 से कोरिया के राजकीय दौरे पर आईं, जिस दौरान नागरिक परमाणु ऊर्जा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। राष्ट्रपति ली म्युंग-बाक ने 26 जनवरी 2010 को भारत के गणतन्त्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भारत की एक ऐतिहासिक यात्रा की, जब द्विपक्षीय संबंधों को सामरिक भागीदारी के स्तर पर उठाया गया था। इससे पहले फरवरी 2006 में राष्ट्रपति डॉ॰ एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा एक समान रूप से सफल राजकीय यात्रा का आयोजन किया, जिसने भारत-आरके संबंधों में एक नए जीवंत चरण की शुरुआत की। इस अंतरालिया के कारण द्विपक्षीय व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (CEPA) को समाप्त करने के लिए एक संयुक्त कार्य बल का शुभारंभ हुआ, जिसे 7 अगस्त 2009 को सियोल में वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री आनंद शर्मा द्वारा हस्ताक्षरित किया गया।[1]