भारतीय नौसेना अकादमी
From Wikipedia, the free encyclopedia
भारतीय नौसेना अकादमी एझिमाला (आईएनए) (Indian Naval Academy Ezhimala) (INA) (एशिया की सबसे बड़ी नौसेना अकादमी), भारतीय नौसेना का एक अत्याधुनिक प्रशिक्षण केंद्र है जिसे एनएवीएसी (NAVAC) भी कहा जाता है। यह दक्षिण भारत के केरल राज्य के कन्नूर (कैन्नानोर) जिले में स्थित है। डिली की भव्य पहाड़ियों, कव्वायी के निर्मल अप्रवाही जल और विशालकाय अरब सागर के बीच स्थित एनएवीएसी (NAVAC) (नेव ल एके डमी का संक्षिप्त रूप), अपने मनोरम और शांत माहौल के कारण प्रशिक्षण हेतु एक आदर्श स्थान है। यहां भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल में शामिल सभी अधिकारियों को विभिन्न पाठ्यक्रमों के तहत बुनियादी प्रशिक्षण दिया जाता है। आईएनए (INA) के प्रशासनिक और अन्य कार्यों के लिए मुख्यतः आईएनएस (INS) जैमोरिन जहाज का प्रयोग किया जाता है।
Indian Naval Academy (INA) | |
---|---|
आदर्श वाक्य: | "Vidyayaa Amrutam Ashnute" "विद्ययाऽमृतमश्नुते" (Sanskrit) (Translation: Be Immortal Through Knowledge) |
स्थापित | January 8, 2009 |
प्रकार: | Military academies in India |
अवस्थिति: | Ezhimala, Kerala, India |
परिसर: | Naval base, 2500 acres |
सम्बन्धन: | Jawaharlal Nehru University |
यह अकादमी एक अंतरीप के लगभग 2,500 एकड़ (10 कि॰मी2) हिस्से पर फैली है, जो कि प्राचीन मूशिका राजाओं की राजधानी थी। प्राचीन युग में यह केरल का एक समृद्धशाली बंदरगाह और 11वीं सदी में चोला-चेरा युद्ध के दौरान यह एक प्रमुख युद्ध क्षेत्र रहा था। ऐसा माना जाता है कि भगवान बुद्ध ने एझिमाला का दौरा किया था।
माना जाता है कि एझिमाला नाम सात पहाड़ियों से प्रेरित है (मलयालम भाषा में एझू का मतलब सात और माला का मतलब पहाड़ी होता है) जो इस इलाके के क्षितिज पर हावी हैं। यह इलाका एलीमलाई के नाम से जाना जाता है जिसका मतलब 'रैट हिल' या चूहा पहाड़ी है (मलयालम में 'एली' का मतलब चूहा होता है). एक और मान्यता यह है कि यह नाम 'एझिल मलाई' से प्राप्त किया गया है जिसका मतलब सौंदर्य की धरती है (एझिल का मतलब सौंदर्य है). लोककथाओं के मुताबिक सात पहाड़ियां 'ऋषबद्री' पर्वत का हिस्सा हैं जो उस वक्त धरती पर गिर गया था जब रामायण की पौराणिक लड़ाई के दौरान लक्ष्मण गंभीर रूप से घायल होकर मूर्छित पड़े थे और उन्हें बचाने के लिए भगवान हनुमान मृत संजीवनी और अन्य जड़ी-बूटियों के साथ इस पहाड़ी को लेकर लंका जा रहे थे। ये बात इससे भी सिद्ध होती है कि ये इलाका कई तरह की औषधीय जड़ी-बूटियों से भरा पड़ा है।
नौसेना अकादमी के आधार डीपो जहाज आईएनएस जैमोरिन का नामकरण कोझिकोड के जैमोरिन लोगों के नाम पर किया गया है, जिनके पास प्रसिद्ध कुंजली मराक्कर के नेतृत्व में युद्धपोतों का एक शक्तिशाली बेड़ा था। नौसेना ने कुंजली मराक्कर की याद में वाटकरा के निकट स्थित इरिंगल में उनके पैतृक घर में एक स्मारक का निर्माण भी करवाया है।