बन्ना सिंह
भारतीय सैनिक एवं परमवीर चक्र से सम्मानित / From Wikipedia, the free encyclopedia
कैप्टन बाना सिंह परमवीर चक्र से सम्मानित भारतीय भूतपूर्व सैनिक हैं। उनको यह सम्मान वर्ष १९८७ में मिला था जब इन्होंने सियाचिन ग्लेशियर को पाकिस्तान के कब्जे से मुक्त कराने के अभियान में अप्रतिम शौर्य का प्रदर्शन किया था। अलंकरण के समय आप नायब सूबेदार के पद पर थे जो बाद में क्रमशः सूबेदार, सूबेदार मेजर व कैप्टन बने। भारत की गणतंत्र दिवस परेड का नेतृत्व व भारत के राष्ट्रपति को सर्वप्रथम सलामी देने का अधिकार आपके पास ही सुरक्षित है।
सूबेदार मेजर तथा कैप्टन बाना सिंह परमवीर चक्र | |
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![]() मानद कैप्टन बन्ना सिंह अपना परमवीर चक्र लगाए हुए | |
जन्म |
6 जनवरी 1949 (1949-01-06) (आयु 75) काद्याल, जम्मू और कश्मीर, भारतਬਿਜਲੀ ਰਾਜਭਰ |
देहांत | ਬਿਜਲੀ ਰਾਜਭਰ |
निष्ठा |
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सेवा/शाखा | चित्र:Flag of British Army.svg भारतीय सेना |
सेवा वर्ष | 1969–2000 |
उपाधि |
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दस्ता | जम्मू कश्मीर लाइट इन्फेंट्री |
युद्ध/झड़पें |
सियाचिन मोर्चा ऑपरेशन मेघदूत ऑपेरशन राजीव |
सम्मान |
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पाकिस्तानी सेना के साथ भारतीय सेना की चार मुलाकातें युद्धभूमि में तो हुई हीं, कुछ और भी मोर्चे हैं, जहाँ हिन्दुस्तान के बहादुरों ने पाकिस्तान के मंसूबों पर पानी फेर कर रख दिया। सियाचिन का मोर्चा भी इसी तरह का एक मोर्चा है, जिसमें जम्मू कश्मीर लाइट इन्फेंट्री के आठवें दस्ते के नायब सूबेदार बाना सिंह को उनकी चतुराई, पराक्रम और साहस के लिए भारत सरकार द्वारा परमवीर चक्र दिया गया।