फ्रैंसिस हरबर्ट ब्रेडले
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फ्रैंसिस हरबर्ट ब्रेडले (Francis Herbert Bradley ; १८४६ - १९२४ ई.) एक ब्रितानी आदर्शवादी दार्शनिक थे। इन्हें आंग्ल अध्यात्मवादियों में सबसे अधिक महत्वपूर्ण और ख्यातिप्राप्त दार्शनिक माना जाता है। उनकी तर्कनापद्धति के कारण इन्हें आधुनिक दर्शन का 'जीनों' भी कहा जाता है। उन्होंने इतनी तीक्ष्ण विवेचनात्मक पद्धति अपनाई है और विचारों को इतने अधिक सूक्ष्म और मौलिक रूप से प्रस्तुत किया है कि आजतक उन्हें अपने ढंग का अकेला दार्शनिक माना जाता है। उनका युक्तिवाद भारतीय बौद्ध दार्शनिक नागार्जुन और वेदान्ती श्रीहर्ष की तर्कनापद्धति का नवीन संस्करण मालूम होता है।
सामान्य तथ्य व्यक्तिगत जानकारी, जन्म ...
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व्यक्तिगत जानकारी | |
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जन्म | फ्रैंसिस हरबर्ट ब्रेडले 30 जनवरी 1846 Clapham, इंग्लैण्ड |
मृत्यु | 18 सितम्बर 1924(1924-09-18) (उम्र 78) ऑक्सफोर्ड, इंग्लैण्ड |
वृत्तिक जानकारी | |
युग | १९वीं शताब्दी का दर्शन |
क्षेत्र | पाश्चात्य दर्शन |
विचार सम्प्रदाय (स्कूल) |
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मुख्य विचार |
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प्रमुख विचार |
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प्रभाव
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