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फतेहपुरी मस्जिद चांदनी चौक की पुरानी गली के पश्चिमी छोर पर स्थित है। इसका निर्माण मुगल बादशाह शाहजहां की पत्नी फतेहपुरी बेगम ने 1650 में करवाया था। उन्हीं के नाम पर इसका नाम फतेहपुरी मस्जिद पड़ा।[1]) ये बेगम फतेहपुर से थीं।[2] ताज महल परिसर में बनी मस्जिद भी इन्हीं बेगम के नाम पर है।[3].
फ़तेहपुरी मस्जिद | |
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فتح پوری مسجد | |
धर्म संबंधी जानकारी | |
सम्बद्धता | इस्लामਬਿਜਲੀ ਰਾਜਭਰ |
अवस्थिति जानकारी | |
अवस्थिति | चाँदनी चौक, पुरानी दिल्ली |
ज़िला | मध्य दिल्ली |
वास्तु विवरण | |
वास्तुकार | मुग़ल |
शैली | मुग़ल वास्तुकला |
निर्माता | फ़तेहपुरी बेगम शाहजान की पत्नी |
स्थापित | 1650 |
लाल पत्थरों से बनी यह मस्जिद मुगल वास्तुकला का एक बेहतरीन नमूना है। मस्जिद के दोनों ओर लाल पत्थर से बने स्तंभों की कतारें हैं। इस मस्जिद में एक कुंड भी है जो सफेद संगमरमर से बना है। यह मस्जिद कई धार्मिक वाद-विवाद की गवाह रही है।
अंग्रेज़ों ने इस मस्जिद को १८५७ के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के बाद, नीलाम कर दिया था, जिसे राय लाला चुन्ना मल ने मात्र १९,०००/- रुपए में खरीद लिया था।[4] जिनके वंशज आज भी चांदनी चौक में चुन्नामल हवेली में रहते हैं।[5]), जिन्होंने इस मस्जिद को संभाले रखा था। बाद में १८७७ में सरकार ने इसे चार गांवों के बदले में वापस अधिकृत कर मुसलमानों को दे दिया, जब उन्हें दिल्ली में रहने का दोबारा अधिकार दिया गया था। ऐसी ही एक दूसरी मस्जिद, अकबरबादी बेगम द्वारा बनवाई गई थी, जिसे अंग्रेज़ों ने बर्बाद करवा दिया था।[6]
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