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प्रिज़्म (निगरानी कार्यक्रम)
निगरानी कार्यक्रम / From Wikipedia, the free encyclopedia
प्रिज़्म (अंग्रेज़ी: PRISM) 2007 से संयुक्त राज्य अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) द्वारा संचालित एक गुप्त जन इलेक्ट्रॉनिक निगरानी डेटा खनन कार्यक्रम है। प्रिज़्म डाटा संग्रह के प्रयास के लिए एक सरकारी कोड नाम है जिसे आधिकारिक तौर पर SIGAD US-984XN शीर्षक से जाना जाता है।[1][2][3][4]
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बुश प्रशासन के अंतर्गत 2007 में पारित हुए प्रोटेक्ट अमेरिका एक्ट के बाद प्रिज़्म शुरू हुआ।[5] कार्यक्रम का संचालन यूएस फॉरेन इंटेलिजेंस सर्विलेन्स कोर्ट (फ़ीसा कोर्ट) के पर्यवेक्षण के अंतर्गत होता है जो स्वयं 1978 के फॉरेन इंटेलिजेंस सर्विलेन्स एक्ट के तहत स्थापित और अधिकृत किया गया था।[6] इसे छह वर्ष पश्चात एनएसए के तकनीकी ठेकेदार एड्वर्ड स्नोडेन ने लीक किया, जिसने आगाह किया कि जन डेटा संग्रह की सीमा जितनी जनता को पता थी उसकी तुलना में कहीं अधिक थी और इसके साथ ही उसने इन गतिविधियों को "खतरनाक" और "आपराधिक" बताया।[7] ये खुलासे द गार्डियन और द वॉशिंगटन पोस्ट के द्वारा जून 6, 2013, को प्रकाशित किए गए थे।
दस्तावेज़ जो लीक में शामिल था उसके अनुसार प्रिज़्म "एनएसए विश्लेषणात्मक रिपोर्ट के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कच्ची खुफ़िया जानकारी का नंबर एक स्रोत था"। लीक हुई जानकारी उस रहस्योद्घाटन के एक दिन पश्चात सार्वजनिक हुई जिसमें फ़ीसा कोर्ट दूरसंचार कंपनी वेरिज़ोन कम्युनिकेशंस की एक गौण कंपनी को आदेश दिया था कि उसे दैनिक आधार पर अपने सभी ग्राहकों द्वारा की गईं टेलीफ़ोन कॉल के ट्रैकिंग लॉग एनएसए को उपलब्ध कराने पड़ेंगे।[8]
अमेरिकी सरकार के अधिकारियों ने द गार्डियन और वॉशिंगटन पोस्ट की कहानियों के कुछ पहलुओं को विवादास्पद कहा है और कार्यक्रम का बचाव यह कहते हुआ करा कि वॉरंट के बिना यह घरेलू ठिकानों पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। उनके अनुसार इसके द्वारा आतंकवादी गतिविधियों को रोकने में सहायता मिली है और इसे संघीय सरकार की कार्यकारी, न्यायिक और विधायी शाखाओं से स्वतंत्र निरीक्षण प्राप्त होते हैं।[9]