पैलेस ऑफ़ वेस्ट्मिन्स्टर
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पैलेस ऑफ वेस्टमिन्स्टर, जिसका अर्थ है वेस्टमिंस्टर का महल और जिसे हाउस ऑफ पार्लियामेंट या वेस्टमिन्स्टर पैलेस के नाम से भी जाना जाता है, ब्रिटेन की संसद के दो सदनों का सभा स्थल है। इनमें से एक है ''हाउस ऑफ लॉर्ड्स'' और दूसरा है ''हाउस ऑफ कॉमन्स''। यह लंदन शहर के हृदय माने जाने वाले वेस्टमिन्स्टर शहर में थेम्स नदी[note 1] के उत्तरी किनारे पर स्थित है। यह सरकारी भवन वाइटहॉल और डाउन स्ट्रीट तथा ऐतिहासिक स्थल वेस्टमिन्स्टर ऐबी के करीब है। यह नाम निम्न दो में से किसी एक संरचना को संदर्भित कर सकता है, द ओल्ड पैलेस, जो एक मध्यकालीन इमारत है जो कि 1834 में ही नष्ट हो गई थी और उसके स्थान पर बनने वाला न्यू पैलेस जो आज भी मौजूद है। लेकिन इसकी मूल शैली और शाही ठाठबाट पूर्ववत बनी हुई है।
वेस्टमिंस्टर पैलेस, वेस्टमिंस्टर ऐबे और सेंट मार्ग्रेट्स चर्च | |
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विश्व धरोहर सूची में अंकित नाम | |
थेम्स नदी के उस पार दिखता हुआ वेस्टमिंस्टर का महल और वेस्टमिंस्टर ब्रिज | |
देश | संयुक्त राजशाही (यूनाइटेड किंगडम) |
प्रकार | सांस्कृतिक |
मानदंड | i, ii, iv |
सन्दर्भ | 426 |
युनेस्को क्षेत्र | यूरोप और उत्तरी अमेरिका |
शिलालेखित इतिहास | |
शिलालेख | 1987 (11th सत्र) |
इस जगह पर पहला शाही महल ग्यारहवीं शताब्दी में बनाया गया था और 1512 में इस इमारत के नष्ट होने से पहले वेस्टमिन्स्टर ही लंदन के राजा का प्राथमिक लंदन निवास था। इसके बाद से ही यह संसद भवन के रूप में कार्य कर रहा है। 13 वीं शताब्दी से यहां संसद की सभाएं होती हैं और शाही न्याय पीठ एवं वेस्टमिन्स्टर हॉल भी यहीं पर है। पुनः पूरी भव्यता से बनाये गये इस संसद भवन में 1834 में भयानक आग लग गई। इस आग से जो इमारते बच गईं उनमें शामिल हैं वेस्टमिन्स्टर हॉल, द क्लॉइस्टर्स ऑफ सेंट स्टीफन्स, चैपल ऑफ सेंट मैरी अंडरक्राफ्ट और जूअल टॉवर.
महल के पुर्ननिर्माण की प्रतियोगिता में शिल्पकार चार्ल्स बैरी की जीत हुई और इस इमारत के निर्माण में उनकी अभिलम्ब गोथिक शैली को अपनाया गया। पुराने महल (अलग जूअल टॉवर के अपवाद के साथ) के अवशेषों को इनके स्थान पर बड़े एवं भव्य रूप में बनाया गया, जिसमें 1100 कक्ष शामिल हैं। ये कक्ष आंगन की दो श्रृंखलाओं के इर्द गिर्द बनाये गये हैं। इस नये महल का कुछ भाग3.24 हेक्टेयर (8 एकड़) थेम्स पर बनाया गया है, जिसका प्रमुख हिस्से का मुंह 265.8-मीटर (872 फीट) नदी की तरफ है। बैरी की सहायता अगस्तस डब्ल्यू. एन. पुगिन ने की थी जो गोथिक शिल्पकला के एक मुख्य अधिकारी थे। उन्होंने ही महल की साज सज्जा के लिए डिजाइन तैयार किये थे। 1814 में निर्माण कार्य शुरू हुआ था और तीस साल तक चला। इसके निर्माण में कई बाधाएं आईं, दोनों मुख्य शिल्पकारों की मृत्यु हो गई, तो कभी इसमें बहुत अधिक विलंब और धन लगा। बीसवीं शताब्दी तक भी अंदर की साज सज्जा का काम रूक रूक चलता रहा। लंदन के वायु प्रदुषण के कारण इसके संरक्षण का कार्य तब से चल ही रहा है। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जब 1941 में इसके कॉमन चैंबर में बमबारी हुई थी तब से यहां पर पुर्ननिर्माण का काम चल रहा है।
यह महल लंदन के राजनीतिक जीवन का केंद्र रहा है। वेस्टमिन्स्टर लंदन की संसद के लिए मेटोम बन चुका है। इसके नाम पर ही सरकार के वेस्टमिन्स्टर तंत्र का नाम पड़ा है। विशेष रूप से क्लाक टॉवर, जो अपनी मुख्य घण्टे के कारण बिग बेन के रूप में जाना जाने लगा है, लंदन का प्रतिष्ठित ऐतिहासिक स्थल और शहर का मुख्य पर्यटन केंद्र है। इसे संसदीय लोकतंत्र का प्रतीक भी कहा जाता है। 1970 से ही पैलेस ऑफ़ वेस्टमिन्स्टर उच्चकोटि की इमारत मानी जाती है और 1987 से यह यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों का हिस्सा है।