पुनर्विन्यास अभिक्रिया
From Wikipedia, the free encyclopedia
उन कार्बनिक अभिक्रियाओं को पुनर्विन्यास अभिक्रिया (rearrangement reaction) कहते हैं जिनमें किसी अणु का कार्बन स्केलेटन बदलकर मूल अणु का एक संरचनात्मक समावयवी (स्ट्र्क्चरल आइसोमर) बनता है।[1] पुनर्विन्यास अभिक्रिया, कार्बनिक अभिक्रियाओं का एक बहुत बड़ा वर्ग है। प्रायः कोई प्रतिस्थापी (substituent) एक परमाणु से उसी अणु के किसी दूसरे परमाणु पर चला जाता है। नीचे दिए गये उदाहरण में प्रतिस्थापी R कार्बन परमाणु 1 से हटकर कार्बन परमाणु 2 पर चला जाता है:
![पुनर्विन्यास अभिक्रिया का सामान्य रूप](http://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/d/da/General_scheme_rearrangement.svg/320px-General_scheme_rearrangement.svg.png)
![Thumb image](http://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/0/04/Rearrangement_reaction.svg/320px-Rearrangement_reaction.svg.png)
अन्तर-अणुक पुनर्विन्यास भी होते हैं।