पास्कल का सिद्धान्त
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पास्कल का सिद्धान्त या पास्कल का नियम द्रवस्थैतिकी में दाब से सम्बन्धित एक महत्वपूर्ण सिद्धान्त है। इसे फ्रांसीसी गणितज्ञ ब्लेज पास्कल ने प्रतिपादित किया था।
यह सिद्धान्त इस प्रकार है -
- सब तरफ से घिरे तथा असंपीड्य (incompressible) द्रव में यदि किसी बिन्दु पर दाब परिवर्तित किया जाता है (घटाया या बढ़ाया जाता है) तो उस द्रव के अन्दर के प्रत्येक बिन्दु पर दाब में उतना ही परिवर्तन होगा।
- पास्कल के सिद्धांत को परिभाषित किया गया है आराम से एक संलग्न तरल पदार्थ में किसी भी बिंदु पर दबाव में परिवर्तन द्रव में सभी बिंदुओं तक पहुंच से बाहर है। वैकल्पिक परिभाषा: संलग्न तरल के किसी भी भाग पर लागू दबाव तरल के माध्यम से सभी दिशाओं में समान रूप से प्रसारित किया जाएगा।
पास्कल का नियम :- किसी भी बंद द्रव्य पर कम क्षेत्र पर कम बल लगाकर बड़े क्षेत्र पर अधिक मात्रा में बल प्राप्त किया जा सकता है यही पास्कल का नियम हैं