पानीपत का द्वितीय युद्ध
सूर साम्राज्य की मुगल विजय के दौरान 1556 की लड़ाई / From Wikipedia, the free encyclopedia
पानीपत का द्वितीय युद्ध उत्तर भारत के हेमचंद्र विक्रमादित्य (लोकप्रिय नाम- हेमू) और अकबर की सेना के बीच 5 नवम्बर 1556 को पानीपत के मैदान में लड़ा गया था।[1] अकबर के सेनापति खान जमान और बैरम खान के लिए यह एक निर्णायक जीत थी।[2] इस युद्ध के फलस्वरूप दिल्ली पर वर्चस्व के लिए मुगलों और अफगानों के बीच चलने वाला संघर्ष अन्तिम रूप से मुगलों के पक्ष में निर्णीत हो गया और अगले तीन सौ वर्षों तक मुगलों के पास ही रहा।
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सामान्य तथ्य पानीपत का द्वितीय युद्ध, तिथि ...
पानीपत का द्वितीय युद्ध | |||||||
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योद्धा | |||||||
मुगल साम्राज्य | हेमचंद्र विक्रमादित्य | ||||||
सेनानायक | |||||||
अकबर | हेमचंद्र विक्रमादित्य | ||||||
शक्ति/क्षमता | |||||||
10,000 | 30,000 |
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