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पाड़
एक अस्थाई संरचना जिसपर कामगार और सामग्री को रखा जा सके / From Wikipedia, the free encyclopedia
भवननिर्माण में काम आनेवाली पाड़ (scaffolding / स्कैेफोल्डिंग) वह अस्थायी संरचना है जिसपर कामगरों तथा उनकी सामग्री को उनके काम की जगह के निकट पहुँचानेवाला मचान रखा जाता है। हिन्दी में इसे 'मचान' या 'पायठ' भी कहते हैं।
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मचान या पाड़ (Scaffolding या staging) एक अस्थाई ढांचा (विन्यास) है जिसका उपयोग इमारतों और अन्य बड़ी संरचनाओं के या मरम्मत में लोगों एवं सामग्रियों की सहायता के लिए किया जाता है। आमतौर पर यह धातु की पाइपों या नलियों की एक प्रमापीय प्रणाली है, हालांकि यह अन्य सामग्रियों से भी बनाया जा सकता है। भारत तथा चीन गणराज्य (पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ़ चाइना) जैसे एशिया के कुछ देशों में अभी भी बांस का प्रयोग किया जाता है। पाड़ का उपयोग प्राचीन काल से होता आ रहा है। हिन्दी में इसे 'मचान' या 'पायठ' भी कहते हैं।
इस अस्थायी संरचना से लगभग आठ फुट मध्यांतर पर खड़ी बल्लियाँ होती हैं, जो चार-चार पाँच-पाँच फुट की ऊँचाई पर क्षैतिज आड़ों द्वारा परस्पर संबंधित रहती हैं। एक ओर इन आड़ों पर तथा दूसरी ओर दीवार में बने छेदों पर, चार चार फुट की दूरी पर आड़ी लकड़ियाँ रखी रहती हैं, जिन्हें 'पेटियाँ' कहते हैं। लकड़ी के तख्ते, जिनकी चाली बनती है, इन्हीं पेटियों पर रखे रहते हैं। चालियाँ प्राय: पाँच पाँच फुट लंबी होती हैं। पत्थर की चिनाई के लिये खड़ी बल्लियों की दो पंक्तियाँ लगती हैं : एक दीवार से सटी हुई तथा दूसरी उससे पाँच फुट के अंतर पर। अन्य पेटियाँ दोनों सिरों पर आड़ी के ऊपर रखी रहती हैं। इस प्रकार यह पाड़ दीवार से पूर्णतया अनाश्रित होती हैं, क्योंकि पत्थर की चिनाई में नियमित अंतर पर छेद छोड़ रखना संभव नहीं।
जैसे-जैसे काम आगे बढ़ता है, चालियाँ भी ऊँची उठाई जाती रहती हैं। इसके लिये यदि आवश्यकता होती है, भी अतिरिक्त टुकड़े जोड़कर बल्लियाँ लंबी कर ली जाती हैं। पाड़ में लंबाई की दिशा में स्थिरता लाने के लिये, विकर्ण पेटियाँ भी लगाई जाती हैं।
बल्लियाँ, आड़ें तथा पेटियाँ परस्पर रस्सी से कसकर बाँध दी जाती हैं। कीलें, यदि कभी लगाई भी जाती हैं, तो बहुत कम। रस्सी बाँधनेवाले बंधानी विशेष कुशल होने चाहिए, क्योंकि इसमें काफी समय और कौशल लगता है। फिर भी रस्सी में सरकने, ढीली पड़ने, घिस जाने और कट जाने की संभावनाएँ रहती ही हैं। हाल में बड़े-बड़े कामों में इसके बजाय अधिक वैज्ञानिक साधन काम में आने लगे हैं। 'स्कैफिक्सर' बंधन में इस्पात की जंजीर और बंधन की कौशलपूर्ण युक्तियों का संमिश्रण होता है। इसके प्रयोग से सुरक्षा अधिक रहती है और समय कम लगता है।
नलोंवाली पाड़ - यह स्वकृत पाड़ की एक अत्यंत सुधरी प्रणाली है, जिसें इस्पात के लगभग दो इंच मोटे नल स्वकृत योजकों द्वारा जोड़े जाते हैं। ऐसी पाड़ जल्दी से और आसानी से खड़ी की जा सकता तथा हटाई जा सकती है। इसके अतिरिक्त, इसमें पाड़ का एक भाग दीवार में रखने के लिये छेद छोड़ने के बजाय, किसी संधि में थोड़ा सहारा दे देना ही पर्याप्त होता है।
निलंबित पाड़ - इस्पात के ढाँचेवाली रचना के लिये मशीन द्वारा ऊँची नीची की जा सकनेवाली भारी निलंबित पाड़ प्राय: उपयुक्त होती है। यह ऊपर बाहुधरनों से तार के रस्सों द्वारा लटकाई जाती है।