न्यूट्रोपेनिया
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न्यूट्रोपेनिया , लैटिन के उपसर्ग नयूट्रो -(कोई भी नहीं, निष्पक्ष अभिरंजन के लिए) और ग्रीक प्रत्यय -πενία (कमी), एक रुधिर संबंधित विकार है जिसके तहत रक्त में सबसे महत्वपूर्ण श्वेत रक्त कोशिका 'न्यूट्रोफिल' की असामान्य रूप से कमी हो जाती है। नयूट्रोफिल आमतौर पर संचारित श्वेत रक्त कोशिकाओं का 50-70% हिस्सा बनाते हैं और रुधिर में उपस्थित बैक्टीरिया को नष्ट करके संक्रमण के खिलाफ शरीर के प्राथमिक रोग प्रतिरोधक के रूप में काम करते हैं। इसलिए, न्यूट्रोपेनिया के रोगियों को बैक्टीरियल संक्रमणों की ज्यादा आशंका रहती है और यदि शीघ्र चिकित्सकीय सुविधा न मिले तो यह रोग जानलेवा हो सकता है (नयूट्रोपेनिक सेप्सिस).
Neutropenia वर्गीकरण एवं बाह्य साधन | |
Blood film with a striking absence of neutrophils, leaving only red blood cells and platelets | |
आईसीडी-१० | D70. |
आईसीडी-९ | 288.0 |
डिज़ीज़-डीबी | 8994 |
ईमेडिसिन | med/1640 |
एम.ईएसएच | D009503 |
बीमारी की अवधि के आधार पर न्यूट्रोपेनिया गंभीर अथवा दीर्घकालिक हो सकता है। यदि यह स्थिति 3 महीने से अधिक समय तक बनी रहे तो मरीज को दीर्घकालिक न्यूट्रोपेनिया से ग्रस्त माना जाता है। कभी-कभी इसे ल्यूकोपेनिया ("श्वेत रक्त कोशिकाओं की संख्या में कमी") शब्द के स्थान पर भी प्रयुक्त किया जाता है, क्योंकि नयूट्रोफिल सर्वाधिक मात्रा में पाए जाने वाले ल्यूकोसाइट होते हैं, परन्तु न्यूट्रोपेनिया को ल्यूकोपेनिया का एक उपवर्ग मानना अधिक उचित रहेगा.
न्यूट्रोपेनिया के कई कारक हो सकते हैं जिन्हें मोटे तौर पर दो भागों में बांटा जा सकता है, अस्थि मज्जा द्वारा कोशिका के उत्पादन में समस्या अथवा शरीर के अन्य हिस्सों में कोशिकाओं का नष्ट होना. उपचार कारक की प्रकृति पर निर्भर करता है और उपचार के दौरान संक्रमण को रोकने और उसके इलाज पर जोर दिया जाता है।