नागार्जुन सागर परियोजना
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नागार्जुन सागर बाँध परियोजना भारत के तेलंगाना राज्य में स्थित एक प्रमुख नदी घाटी परियोजना हैं।इसका नामकरण बौद्ध विद्वान नागार्जुन जी के नाम पर की गई है। इस बाँध को बनाने की परिकल्पना १९०३ में ब्रिटिश राज के समय की गयी थी। १० दिसम्बर १९५५ में इस बाँध की नींव तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने रखी थी।
नागार्जुन सागर बांध | |
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स्थान | Guntur district, आन्ध्र प्रदेश and Nalgonda district, तेलंगाना |
निर्देशांक | 16°34′32″N 79°18′42″E |
उद्देश्य | Hydroelectric & Irrigation |
निर्माण आरम्भ | दिसम्बर 10, 1955 (1955-12-10) |
आरम्भ तिथि | 1967 |
निर्माण लागत | 132.32 crore rupees |
बाँध एवं उत्प्लव मार्ग | |
घेराव | कृष्णा नदी |
~ऊँचाई | 124 मीटर (407 फीट) from river level |
लम्बाई | 1,550 मीटर (5,085 फीट) |
जलाशय | |
बनाता है | Nagarjuna Sagar Reservoir |
कुल क्षमता | 11.56 कि॰मी3 (9×10 (405 Tmcft) |
सक्रिय क्षमता | 5.44×10 |
जलग्रह क्षेत्र | 215,000 वर्ग किलोमीटर (2.31×1012 वर्ग फुट) |
सतह क्षेत्रफ़ल | 285 कि॰मी2 (3.07×109 वर्ग फुट) |
पावर स्टेशन | |
संचालक | Andhra Pradesh Power Generation Corporation Telangana State Power Generation Corporation Limited |
प्रचालन तिथि | 1978–1985 |
टर्बाइन्स | 1 x 110 MW Francis turbine, 7 x 100.8 MW reversible Francis turbines |
स्थापित क्षमता | 816 मेगा॰वाट (1,094,000 अश्वशक्ति) |
उन्होने उस समय यह कहा था।
"When I lay the foundation stone here of this Nagarjunasagar, to me it is a sacred ceremony". This is the foundation of the temple of humanity of India, i.e. symbol of the new temples that we are building all over India".
नागार्जुन बाँध हैदराबाद से 150 किमी दूर, कृष्णा नदी पर स्थित है। इसका निर्माण १९६६ में पूरा हुआ था। ४ अगस्त १९६७ में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी द्वारा इसकी दोनों नहरों में पहली बार पानी छोड़ा गया था। इस बाँध से निर्मित नागार्जुन सागर झील दुनिया की तीसरी सब से बड़ी मानव निर्मित झील है। विश्व की सबसे बड़ी कृत्रिम झील गोविन्द वल्लभ पंत सागर झील है, जो उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के सीमा पर है।