द फाउंटनहेड
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द फाउंटनहेड (The Fountainhead) १९४३ में अमेरिकी उपन्यासकार आयन रैंड द्वारा लिखित एक अंग्रेज़ी उपन्यास है जो कुछ समीक्षकों के अनुसार विश्व के सबसे प्रभावशाली उपन्यासों में से एक है।[1] मई २००८ तक दुनिया भर में इसकी ६५ लाख से ज़्यादा प्रतियाँ बिक चुकी थीं और अभी भी हर वर्ष इसकी औसतन १ लाख प्रतियाँ बिकती हैं।[2][3] दर्शनशास्त्र के नज़रिए से यह किताब एक बहुत ही महत्वपूर्ण व्यक्तिवादी कृति मानी जाती है जिसमें उस विचारधारा की तटस्थवाद (objectivism, ऑब्जेक्टिविज़्म) शाखा की बुनियाद रखी गई।