दाहिर (राजा)
सिंध के ब्राह्मण महाराजा जिन्होंने 679 से 712 तक शासन किया / From Wikipedia, the free encyclopedia
राजा दाहिर सिंह सेन सिंध के अंतिम हिंदू राजा थे।[2] उनके समय में ही अरबों ने सर्वप्रथम सन ७१२ में भारत (सिंध) पर आक्रमण किया था। मुहम्मद बिन क़ासिम मिशन 712 में सिंध पर आक्रमण किया था जहां पर राजा दाहरसेन ने उसे रोका और उसके साथ युद्ध लड़ा उनका शासन काल 663 से 712 ईसवी तक रहा उन्होंने अपने शासनकाल में अपने सिंध प्रांत को बहुत ही मजबूत बनाया था, परंतु अरब के खलीफा ने मोहम्मद बिन कासिम को भेजा और कासिम को मालूम था की इनसे युध्द मे जितना मुस्किल है, जिसके कारण कासिम ने इनके एक सिपहसालार को 'दाहिर को मारने के बाद उसे गद्दी पर बैठाने का ख्वाब दिखाया' जिससे उस सिपहसालार ने राजा दाहिर सिंह के साथ गद्दारी की इस कारण इनको हार का मुंह देखना पड़ा। राजा दाहिर सिंह अपने जीवन काल में कभी कोई युध्द नही हारे थे। 712 में राजा दाहिर सिंह सेन की सिंधु नदी के किनारे मृत्यु हो गयी।[3]
दाहिर | |
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सिंध के महाराजा | |
सिन्ध के तीसरे व अंतिम राजा | |
शासनावधि | 695 - 712 ईसा |
पूर्ववर्ती | चंदर |
उत्तरवर्ती | उमय्यद ख़िलाफ़त) |
रीजेंट | दाहिर सेन |
जन्म | 25 अगस्त 669 ईसा अलोड़, सिंध (वर्तमान में रोहड़ी, सिंध, पाकिस्तान) |
निधन | 712 ईसा (आयु 49 वर्ष) सिन्धु नदी, सिंध (वर्तमान में नवाबशाह, सिंध, पाकिस्तान) |
जीवनसंगी | लाडी बाई |
संतान | पुत्रियों राजकुमारी सूर्यकुमारी व परमाल |
घराना | ब्राह्मण[1] |
माता | रानी सुहान्दी |
धर्म | हिंदू धर्म |
इनके पुत्र जय सिंह दाहिर भी 712 मे मारे गये।