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तोरई
जरकारि / From Wikipedia, the free encyclopedia
तोरई, तोरी या तुराई (वैज्ञानिक नाम : Luffa acutangula) एक लता है जिसके फल सब्जी बनाने के काम आते हैं, इसे भारत के कुछ राज्यों में "झिंग्गी" या "झींगा" भी कहा जाता है। शिवनगर,मिथिला,बिहार में इसे झिमनी कहा जाता है।यह रक्त वर्धक तथा फाइबर एवं विटामिन्स से भरपूर एक पौष्टिक सब्जी है। यह वर्षा ऋतु में पैदा होती है। साधारणतया वर्ष में दो बार इसे उगाया जाता है। फरवरी - मार्च और जून - जुलाई।
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आयुर्वेद में बताया गया है कि तोरई पचने में आसान होती है, पेट के लिए थोड़ी गरम होती है। कफ और पित्त को शांत करने वाली, वात को बढ़ाने वाली है। वीर्य को बढ़ाता है, घाव को ठीक करता है, पेट को साफ करता है, भूख को बढ़ाता है और हृदय को ठीक करता है। इतना ही नहीं यह कुष्ठ, पीलिया, तिल्ली (प्लीहा) रोग, सूजन, गैस, कृमि, गोनोरिया, सिर के रोग, घाव, पेट के रोग, बवासीर में भी उपयोगी है। कृत्रिम विष, दमा, सूखा खाँसी, बुखार को ठीक करता है।