डीडीहाट
उत्तराखंड, भारत में स्तिथ ज़िला विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
डीडीहाट (Didihat) भारत के उत्तराखण्ड राज्य के कुमाऊँ मण्डल के पिथौरागढ़ ज़िले में स्थित एक नगर है। यह इसी नाम की तहसील का मुख्यालय भी है।[1][2][3]
डीडीहाट दिग्तड | |
---|---|
didihat | |
शेराकोट से डीडीहाट का दृश्य | |
निर्देशांक: 29.802°N 80.249°E | |
देश | भारत |
प्रान्त | उत्तराखण्ड |
ज़िला | पिथौरागढ़ ज़िला |
ऊँचाई | 1850 मी (6,070 फीट) |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 6,522 |
भाषा | |
• प्रचलित | हिन्दी, कुमाऊँनी |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 262551 |
विवरण
डीडीहाट उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून से ५२० किमी (३२० मील) की दूरी पर स्थित है। डीडीहाट नाम दो कुमाउँनी शब्दों, 'डांडी' और 'हाट' से जुड़कर बना है, जिनका अर्थ क्रमशः 'छोटी पहाड़ी' और 'बाजार' होता है। डीडीहाट 'कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रा' के मार्ग पर पड़ता है।
इतिहास
वर्तमान डीडीहाट नगर ऐतिहासिक सीरा राज्य की राजधानी, सिरकोट के समीप बसा है। डीडीहाट नगर के पश्चिम में स्थित डिगताड़ के पास एक पर्वत चोटी पर सिरकोट किला था, जो सीरा के मल्ल राजाओं की राजधानी हुआ करता था। राजा हरि मल्ल के समय तक यह क्षेत्र नेपाल के डोटी साम्राज्य के अधीन था। बाद में १५८१ ईस्वी में चन्द वंश के शासक रुद्र चंद ने मल्ल राजाओं को पराजित कर इस क्षेत्र पर नियंत्रण प्राप्त किया। अभी भी प्राचीन किले और मंदिरों के कुछ अवशेष डीडीहाट में उपस्थित हैं।
जनसांख्यिकी
२०११ की जनगणना के अनुसार, डीडीहाट नगर पंचायत की जनसंख्या ६,५२२ थी। डीडीहाट में साक्षरता दर ९१.०३% है; ९५.२०% पुरुष और ८६.४४% महिलाऐं साक्षर हैं। नगर का लिंग अनुपात ८८९ महिलाऐं प्रति १००० पुरुष है। डीडीहाट के लगभग सभी निवासी कुमाउँनी मूल के हैं। कुल जनसंख्या के लगभग २०.५५% लोग अनुसूचित जातियों से है, और उनकी संख्या १,३४० से अधिक है। इसके अलावा, शहर में ६४९ लोग अनुसूचित जनजातियों के हैं। डीडीहाट 'राजी' जनजाति का मूल स्थान भी है।[6] नगर में लगभग १,४०० लोग झुग्गियों में रहते हैं। २००१ में डीडीहाट की जनसंख्या ४,८०५,[7] और १९९१ में ३,५१४ थी।[8]
डीडीहाट जिला
वर्ष १९६२ में पहली बार डीडीहाट को जिला घोषित करने को लेकर संघर्ष समिति का गठन किया गया था। १९६२ से १९९२ तक डीडीहाट की जनता संघर्ष करती रही। वर्ष १९९४ में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने डीडीहाट जिले को लेकर दीक्षित आयोग का गठन किया। एक साल में आयोग ने अपनी रिपोर्ट में डीडीहाट को जिले के लिए सभी मानक पूरा करते हुए इसके गठन की संस्तुति सरकार से की थी, लेकिन उस समय यह जिला राजनीति की भेंट चढ़ गया।[9]
२००० में उत्तराखंड गठन के साथ ही छोटी प्रशासनिक इकाईयों को बनाने की घोषणा भाजपा एवं कांग्रेस द्वारा की गई। वर्ष २००० से २००५ तक डीडीहाट की जनता ने जिले की गठन की आस उत्तराखंड सरकारों से लगाए रखी, लेकिन जिला न बनने पर वर्ष २००५ में ३६ दिन का आमरण अनशन डीडीहाट के रामलीला मैदान में किया गया। उस समय तत्कालीन मुख्यमंत्री एनडी तिवारी ने आंदोलन को खत्म करने के लिए शीघ्र ही डीडीहाट को जिला घोषित करने की बात कही, लेकनि जिला घोषित नहीं हो पाया।[9]
१५ अगस्त २०११ को तत्कालीन मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने डीडीहाट, रानीखेत, यमनोत्री, कोटद्वार को जिला बनाने की घोषणा की। ८ दिसंबर २०११ को शासनादेश जारी किया गया, लेकिन गजट नोटिफिकेशन न होने के कारण नए जिले अस्तित्व में नहीं आ पाए। हरीश रावत के कार्यकाल में ४ जनवरी २०१७ जिला गठन के लिए एक हजार करोड़ का कार्पस फंड स्थापित किया, लेकिन कांग्रेस के शासनकाल में भी जिले नहीं बने।[9]
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
Wikiwand in your browser!
Seamless Wikipedia browsing. On steroids.
Every time you click a link to Wikipedia, Wiktionary or Wikiquote in your browser's search results, it will show the modern Wikiwand interface.
Wikiwand extension is a five stars, simple, with minimum permission required to keep your browsing private, safe and transparent.