ट्रैपिस्ट-१

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ट्रैपिस्ट-१

ट्रैपिस्ट-१ (TRAPPIST-1), जिसे 2MASS J23062928-0502285 भी नामांकित करा जाता है, कुम्भ तारामंडल के क्षेत्र में स्थित एक अतिशीतल बौना तारा है जो हमारे सौर मंडल के बृहस्पति ग्रह से ज़रा बड़ा है। यह सूरज से लगभग 39.5 प्रकाश-वर्ष की दूरी पर स्थित है। इसके इर्द-गिर्द एक ग्रहीय मंडल है और फ़रवरी 2017 तक इस मंडल में सात स्थलीय ग्रह इस तारे की परिक्रमा करते पाए गए थे जो किसी भी अन्य ज्ञात ग्रहीय मंडल से अधिक हैं।[6]

सामान्य तथ्य प्रेक्षण तथ्य युग विषुव, विशेषताएँ ...
ट्रैपिस्ट-१
TRAPPIST-1[1]
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ट्रैपिस्ट-१ के सामने से निकलते इस मंडल के सात में से दो ग्रहों का काल्पनिक चित्रण
प्रेक्षण तथ्य
युग       विषुव
तारामंडल कुम्भ तारामंडल
दायाँ आरोहण 23h 06m 29.283s[2]
झुकाव –05° 02 28.59[2]
सापेक्ष कांतिमान (V)18.80
विशेषताएँ
तारकीय श्रेणीM8V[3]
M8.2V[note 1]
V−R रंग सूचक2.33
R−I रंग सूचक2.47
खगोलमिति
रेडियल वेग (Rv)~12e-3 किमी/सै
लंबन (π)82.58 मिआसै
दूरी39.5 ± 1.3 प्रव
(12.1 ± 0.4 पार)
निरपेक्ष कांतिमान (MV)18.4 ± 0.1
विवरण
द्रव्यमान0.08 ± 0.009 M
त्रिज्या0.114 ± 0.006 R
सतही गुरुत्वाकर्षण (log g)~ 5.227[note 2][4]
चमकीलापन (बोलोमेट्रिक​)0.000525±0.000036[5] L
चमकीलापन (प्रकट, LV)0.00000373[note 3] L
तापमान2550 ± 55 K
धातुता0.04 ± 0.08
घूर्णन1.40 ± 0.05 days
घूर्णन गति (v sin i)6 ± 2 किमी/सै
आयु> 1 अरब वर्ष
अन्य नाम
2MASS J23062928-0502285, 2MASSI J2306292-050227, 2MASSW J2306292-050227, 2MUDC 12171
डेटाबेस संदर्भ
सिम्बादdata
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पृथ्वी से ट्रैपिस्ट-१ की काल्पनिक यात्रा का विडियो
ट्रैपिस्ट-१ के एक ग्रह के काल्पनिक चित्रण का विडियो

ग्रहीय मंडल

सारांश
परिप्रेक्ष्य

फ़रवरी 2017 में खगोलशास्त्रियों ने घोषणा करी कि इस तारे के ग्रहीय मंडल में सात स्थलीय ग्रह मिले हैं जिनमें से पाँच (बी, सी, , एफ़, जी) पृथ्वी से मिलते-जुलते आकार के हैं और दो (डी, एच) मंगल (जिसका व्यास पृथ्वी से लगभग आधा है) और पृथ्वी के बीच के आकार के हैं।[7] तीन (ई, एफ़ और जी) वासयोग्य क्षेत्र में परिक्रमा कर रहे हैं।[7][8][9][10] इस मंडल के भीतरी छह ग्रहों का कुल द्रव्यमान ट्रैपिस्ट-१ तारे के द्रव्यमान का लगभग 0.02% है, जो गैलीलियन चंद्रमाओं के समान है। यह इस ग्रहीय मंडल और बृहस्पति के उपग्रहीय मंडल के रचना-इतिहस में कुछ समानताओं की ओर संकेत करता है।[7]

अधिक जानकारी साथी (तारे से दूरी के क्रमानुसार), द्रव्यमान ...
ट्रैपिस्ट-१ ग्रहीय मंडल[5][7]
साथी
(तारे से दूरी के क्रमानुसार)
द्रव्यमान अर्ध दीर्घ अक्ष
(खई)
कक्षीय अवधि
(दिन)
विकेन्द्रता झुकाव त्रिज्या
बी 0.85±0.72 M 0.01111 (16.6 लाख किमी) 1.51087081 ± 0.00000060 < 0.081 89.65 ± 0.25° 1.086 ± 0.035 R
सी 1.38±0.61 M 0.01522 (22.8 लाख किमी) 2.4218233 ± 0.0000017 < 0.083 89.67 ± 0.17° 1.056 ± 0.035 R
डी 0.41±0.27 M 0.021 ± 0.006 (31.4 लाख किमी) 4.049610 ± 0.000063 < 0.070 89.75 ± 0.16° 0.772 ± 0.030 R
0.62±0.58 M 0.028 (41.9 लाख किमी) 6.099615 ± 0.000011 < 0.085 89.86 ± 0.11° 0.918 ± 0.039 R
एफ़ 0.68±0.18 M 0.037 (55.4 लाख किमी) 9.206690 ± 0.000015 < 0.063 89.680 ± 0.034° 1.045 ± 0.038 R
जी 1.34±0.88 M 0.045 (67.3 लाख किमी) 12.35294 ± 0.00012 < 0.061 89.710 ± 0.025° 1.127 ± 0.041 R
एच अज्ञात (सम्भवतः <1) M 0.63+0.270.13 (~94 लाख किमी) 20+156 अज्ञात 89.80 ± 0.07° 0.755 ± 0.034 R
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इन ग्रहों का धनत्व पृथ्वी के ~0.60 से ~1.17 गुना के बीच है (ρ, 5.51 ग्राम/सेमी3), जो इनके अधिकांश भाग के कणों-पत्थरों से बने होने का संकेत है। इन धनत्वों के अनुमानों में ऊपर-नीचे ग़लती होने की सम्भावना होने के कारण यह यक़ीन से नहीं कहा जा सकता कि इनमें जल या अन्य पदार्थों की बर्फ़ है या नहीं। केवल "एफ़" ग्रह का घनत्व (0.60±0.17 ρ) ऐसा है कि उसपर बर्फ़ या एक बहुत मोटे वायुमंडल की तह होने की काफ़ी सम्भावना है।[7]

हमारे सौर मंडल की तुलना में ट्रैपिस्ट-१ के सातों ग्रह केन्द्रीय तारे के बहुत पास हैं और उनकी कक्षाएँ हमारे सौर मंडल के सबसे भीतरी ग्रह, बुध, की सूरज के इर्द-गिर्द कक्षा से भी कहीं अधिक समीपी हैं। लेकिन, ट्रैपिस्ट-१बी के अलावा, सबकी कक्षाएँ बृहस्पति के इर्द-गिर्द गैलीलियन चंद्रमाओं की कक्षाओं से अधिक दूर लेकिन बृहस्पति के अन्य उपग्रहों से अधिक समीप हैं।[11] ट्रैपिस्ट-१बी और ट्रैपिस्ट-१सी के दो ग्रहों की दूरी पृथ्वी और चंद्रमा की दूरी से केवल 1.6 गुना है, यानि यह एक दूसरे के आकाशों में चंद्रमा से कई गुना ज़्यादा बड़े आकार के नज़र आते होंगे।[10] तारे के सबसे नज़दीकी ग्रह, ट्रैपिस्ट-१बी, पर एक वर्ष (यानि तारे की एक परिक्रमा करने की अवधि) केवल 1.5 पृथ्वी-वाले दिन हैं, जबकि छठे ग्रह का एक वर्ष केवल 12.3 दिन है। सातवे ग्रह के वर्ष की अवधि अनिश्‍चित है और 20+156 दिनों के बीच है, क्योंकि उस ग्रह को तारे से आगे गुज़रते हुए केवल एक बार देखा गया है। कम आयु के लाल बौने तारों में बार-बार शक्तिशाली धधकन और लपटें होती रहती हैं जो उनके समीपी ग्रहों के वायुमंडलों को शायद अंतरिक्ष में उड़ाकर खत्म कर देती हैं, लेकिन भूरे बौने कम शक्ति से घघकते हैं।[12]

कक्षीय अनुनाद

बी-से-जी तक के ग्रहों की कक्षाएँ कक्षीय अनुनाद (orbital resonance) के समीप हैं, और उनकी अवधियाँ लगभग 24/15, 24/9, 24/6, 24/4 and 24/3 हैं, यानि भीतरी-से-बाहरी ग्रह जाते हुए निकटतम-पड़ोसी अवधि अनुपात (nearest-neighbor period ratios) लगभग 8/5, 5/3, 3/2, 3/2 and 4/3 (1.603, 1.672, 1.506, 1.509 and 1.342) हैं। यह बहिर्ग्रहों (एक्सोप्लैनटों) की सबसे लम्बी ज्ञात कक्षीय अनुनाद (या लगभग कक्षीय अनुनाद) की शृंखला है। समझा जाता है कि यह ग्रहों के आपसी गुरुत्वाकर्षक प्रभावों से उस समय हुआ जब वे, अपनी कृति होने के बाद, आदिग्रह चक्र के बचे-कुचे मलबे में से होते हुए अपने तारे के पास आ रहे थे।[7] इस तारे के दूर सृष्टि और फिर कक्षा के सिकुड़ने की प्रक्रिया का अर्थ है कि इन ग्रहों पर जल उपस्थित होने की सम्भावना बढ़ जाती है। सबसे बाहरी ग्रह, एच, की कक्षीय अवधि अज्ञात होने के कारण यह भी अज्ञात है कि वह अन्य ग्रहों के साथ कक्षीय अनुनाद रखता है या नहीं।

ज्वारबंधन

यह अनुमान लगाया जाता है कि सातों ग्रह ज्वारबंध (tidally locked) होंगे, यानि प्रत्येक का एक स्थाई मुख ही तारे की ओर टिका हुआ है, जिस से उनपर जीवन आरम्भ होने में "बहुत अधिक कठिनाई" होने की आशंका है।[13] यह भी मुमकिन है (हालांकि इसकी सम्भावना कम है) कि इनमें से कुछ ग्रह घूर्णन-कक्षा अनुनाद (spin-orbit resonance) की स्थिति में हैं। ज्वारबंध ग्रहों पर एक ओर हमेशा दिन और एक ओर हमेशा रात्रि रहती है। इस से इन दोनों मुखों के तापमान में भारी और स्थाई अंतर और पूरे ग्रह पर भयानक आंधियों के स्थाई रूप से चलते रहने का अनुमान है। ऐसी स्थितियों में जीवन पनप सकने की सबसे अधिक सम्भावना दिन-रात्रि के बीच की एक छोटी-सी अर्ध-उज्ज्वल पट्टी पर होने की समझी जाती है।

इन्हें भी देखें

टिप्पणियाँ

  1. Based on photometric spectral type estimation.
  2. The surface gravity is calculated directly from Newton's law of universal gravitation, which gives the formula where M is the mass of the object, r is its radius, and G is the gravitational constant.
  3. Taking the absolute visual magnitude of TRAPPIST-1 and the absolute visual magnitude of the Sun , the visual luminosity can be calculated by

सन्दर्भ

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