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ट्रांसफॉर्मर के प्रकार
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परिणामित्र (ट्रांसफॉर्मर), कार्य की दृष्टि से, कोर की दृष्टि से एवं आकार-प्रकार की दृष्टि से कई प्रकार के होते हैं किन्तु अभिकल्पन (डिजाइन) के आधार पर इन्हें तीन श्रेणियों में बाँट सकते हैं-
- (१) क्रोडवाले परिणामित्र (कोर-टाइप) ,
- (२) कवचवाले परिणामित्र (शेल-टाइप), तथा
- (३) खुले क्रोडवाले परिणामित्र।
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क्रोडवाले परिणामित्र - इसका क्रोड निरंतर चुंबकीय पथ का (अनुप्रस्थ परिच्छेद में आयत या वृत्ताकार) होता है। क्रोड के विभिन्न खंडों में प्राथमिक और द्वितीयक कुंडलियाँ स्थित होती हैं। कभी-कभी प्राथमिक और द्वितीयक घटक एक आयताकार क्रोड के भिन्न भिन्न पार्श्वों पर होते हैं।
कवचवाले परिणामित्र - ये क्रोडवाले परिणामित्रों से भिन्न होते हैं। इनमें कुंडलियाँ किसी पदार्थ के केंद्रीय भाग में स्थित होती हैं और चुंबकीय परिपथ दो या अधिक पथों में पूरा होता है। शक्ति परिणामित्र, क्रोड और कवच दोनों प्रकार के बनते हैं।
खुले क्रोडवाले परिणामित्र - प्राथमिक और द्वितीयक कुंडलियाँ किसी सीधे क्रोड पर कुंडलित और संकेंद्री रूप से स्थित होती हैं। ये छोटे आकार के तैयार किए जाते हैं। इनका उपयोग कुछ टेलीफोनी उपस्करों (equipment) में होता है।