जॉन मियरशाइमर
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जॉन जोसेफ मियरशाइमर (अंग्रेज़ी-John Joseph Mearsheimer / /ˈmɪərʃaɪmər/ / ; जन्म- 14 दिसंबर, 1947) अमेरिका के एक राजनीतिक वैज्ञानिक और अंतरराष्ट्रीय संबंधों विद्वान हैं, जो के अंतर्गत आता है यथार्थवादी विचारधारा से सम्बंध रखते हैं। फ़िलहाल वे शिकागो विश्वविद्यालय में आर वेंडेल हैरिसन विशिष्ट सेवा प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं।
व्यक्तिगत जानकारी | |
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जन्म | 14 दिसम्बर 1947 (1947-12-14) (आयु 76) ब्रुकलिन, न्यू यॉर्क राज्य, संयुक्त राज्य |
वृत्तिक जानकारी | |
विचार सम्प्रदाय (स्कूल) | Neorealism |
मुख्य विचार | International relations theory, international security, deterrence theory[1][2][2] |
प्रमुख विचार | Offensive neorealism |
शिक्षा | United States Military Academy University of Southern California Cornell University |
प्रभाव
Hans Morgenthau, E. H. Carr, Kenneth Waltz
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प्रभावित
Robert D. Kaplan
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मियरशाइमर ने आक्रामक यथार्थवाद के सिद्धांत का प्रस्ताव रखा। इसके अनुसार जो देश विश्व में महाशक्ति हैं, उनकी यह इच्छा रहती है कि कैसे भी करके अपनी शक्ति का विस्तार करें। अन्य राज्यों के इरादों को लेकर असुरक्षा और अनिश्चितता के चलते दुनिया में आधिपत्य प्राप्त करने की यह इच्छा तर्कसंगत है। इसी के बल पर वे अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों को समझने और समझाने का प्रयास करते हैं। वे उन चुनिंदा अमरीकी विशेषज्ञों में से थे, जिन्होंने शुरुआत से ही भारत के परमाणु हथियार हासिल करने के निर्णय का समर्थन किया। वे 2003 में इराक युद्ध के मुखर विरोधी थे। 1994 में यूक्रेन के अपने परमाणु हथियारों को छोड़ने केफैसले का विरोध करने वाले लगभग इकलौते थे। उन्होंने यह भविष्यवाणी की थी, कि एक निवारक (deterrent, यहाँ तात्पर्य परमाणु हथियार से है) के बिना, यूक्रेन को रूसी आक्रामकता का सामना करना पड़ेगा। यह भविष्यवाणी सच साबित हुई, जब 2014 में रूस ने क्रीमिया (जो कि पहले यूक्रेन का हिस्सा था) पर क़ब्ज़ा जमा लिया।उनके सबसे विवादास्पद विचार मध्य पूर्व में अमेरिकी सरकार की कार्रवाइयों पर रुचि समूहों द्वारा कथित प्रभाव के बारे में हैं जो उन्होंने अपनी किताब द इज़राइल लॉबी एंड यूएस फॉरेन पॉलिसी में लिखा था। अपने सिद्धांत के अनुसार, मियरशाइमर का यह मानना है कि चीन की बढ़ती शक्ति संभवतः इसे संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ संघर्ष करवाएगी। उनके विचार इक्कीसवीं सदी में विश्व भर के राजनीति विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के के छात्रों को पढ़ाया जाता है।