जीववैज्ञानिक वर्गीकरण
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गुणों के आधार पर सभी जीवों को विभिन्न श्रेणियों में श्रेणीकृत कर सकते हैं। गुण जैसे प्रकार, रचना, कोशिका रचना, विकासीय प्रक्रम तथा जीव की पारिस्थितिक सूचनाएँ आधुनिक श्रेणीकरण अध्ययन के आधार है। इसलिए विशेषीकरण, अभिज्ञान, वर्गीकरण तथा नाम पद्धति आदि ऐसे प्रक्रम हैं जो श्रेणीकी (श्रेणीकरण विज्ञान) के आधार है।
वर्गिकी का कार्य आकारिकी, आकृति-विज्ञान, शारीरिकी, पारिस्थितिकी और आनुवंशिकी पर आधारित है। अन्य वैज्ञानिक अनुशासनों की तरह यह भी अनेक प्रकार के ज्ञान, मत और प्रणालियों का संश्लेषण है, जिसका प्रयोग श्रेणीकरण के क्षेत्र में होता है। जीवविज्ञान सम्बन्धित किसी प्रकार के विश्लेषण का प्रथम सोपान है सुव्यवस्थित ढंग से उसका वर्गीकरण; अत: पादप, या जंतु के अध्ययन का पहला कदम है उसका नामकरण, वर्गीकरण और तब वर्णन।