जलंधर
जालंधर उत्तर भारतीय राज्य पंजाब में एक प्राचीन शहर है विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
जालंधर उत्तर भारतीय राज्य पंजाब में एक प्राचीन शहर है विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
जलंधर (पंजाबी: ਜਲੰਧਰ), भारत के पंजाब राज्य में स्थित एक नगर है। यह एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण औद्योगिक नगर है। प्रशासनिक रूप से यह जलंधर ज़िले का मुख्यालय भी है। इस नगर के मुख्य उत्पाद चमड़ा,खेल और हैंड टूल्स हैं। इस कारण यह सम्पूर्ण विश्व में विख्यात है। यहां उच्च कोटि के चिकित्सालय भी हैं, इस कारण यह चिकित्सा पर्यटन के क्षेत्र में भी उपलब्धियां अर्जित कर रहा है। जलंधर पंजाब का सबसे पुराना नगर माना जाता है। जलंधर वह जगह है जिसने देश को कई वीर योद्धा दिए है। जलंधर में ऐसे कई मंदिर, गुरूद्वारे, किले और संग्रहालय है जहां घूमा जा सकता है।[1][2][3][4]
जलंधर ਜਲੰਧਰ Jalandhar | |
---|---|
जलंधर का देवी तलाब मंदिर | |
निर्देशांक: 31.33°N 75.58°E | |
देश | भारत |
प्रान्त | पंजाब |
ज़िला | जलंधर ज़िला |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 8,62,886 |
भाषा | |
• प्रचलित | पंजाबी |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 144001 |
दूरभाष कोड | +91-181 |
वाहन पंजीकरण | PB08 and PB90 |
साक्षरता दर | 82.3% |
वेबसाइट | jalandhar |
भारत देश मे नाथों का सबसे प्राचीन इतिहास रहा हे कहते हैं नाथों के नाम से भारत मे बहुत से तीर्थ हें और इनके नाम से कुछ नगरो के नाम भी हें जलंधर जिले का नाम भगवान आदिनाथ यानिकि शिव जी के शिष्य जालंधर नाथ पर रखा गया ।, जिसका उल्लेख नाथ ग्रन्थ और महाभारत में भी हुआ है । नाथ पंथ के गोरख नाथ पर भी एक नगर का नाम हे गोरखपुर । गोरख नाथ के गुरु मत्स्येन्द्र नाथ के नाम से एक मत्स्य देश भी था । जबकि कुछ मानते हैं कि जलंधर का अर्थ पानी के अंदर होता है तथा यहां पर सतलुज और बीस नदियों का संगम होता है इसलिए इस जगह का नाम जलंधर रखा गया। जलंधर को त्रिरत्ता के नाम से भी जाना जाता है।
कई पौराणिक ग्रंथों जैसे पद्म पुराण, शिव पुराण और स्कंद पुराण में भी जलंधर का वर्णन मिलता है | पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जलंधर की उत्पत्ति शिवजी के क्रोध से हुई थी, इसलिए उन्हें शिवपुत्र जलंधर कहा जाता है | जलंधर का विवाह वृंदा के साथ हुआ. वृंदा कालनेमि नामक असुर की पुत्री थी. वृंदा भले ही असुर की पुत्री थी, लेकिन वह भगवान विष्णु की परम भक्त थी. जलंधर आगे चलकर असुरों का शासक बना गया | लंधर के पास जो भी शक्तियां थीं, उसका रहस्य उसकी पत्नी वृंदा की पतिव्रता थी. वृदा के पतिव्रत धर्म के कारण देवता भी जलंधर से जीत नहीं सकते थे| इस कारण जलंधर को अभिमान हो गया था और वह संसार में आतंक मचाने लगा था| इतना ही नहीं जलंधर देवताओं की पत्नियों को भी सताने लगा | जलंधर का आतंक बढ़ता ही गया. वह कैलाश पहुंचकर पार्वती जी को अपने अधीन करना चाहता था. इस पर शिवजी क्रोधित हो गए, जिस कारण महादेव और जलंधर के बीच युद्ध भी हुआ. लेकिन, जलंधर की शक्ति के कारण महादेव का हर प्रहार विफल होता गया | जलंधर की हार उसकी पत्नी वृंदा के पतिव्रता भंग होने के बाद ही निश्चित थी, इसलिए भगवान विष्णु जलंधर का रूप धारण कर वृंदा के पास पहुंचे. वृंदा को लगा कि ये जलंधर है| वह भगवान विष्णु संग पति जलंधर जैसा व्यवहार करने लगी और इस कारण वृंदा का पतिव्रता धर्म भंग हो गया. इस तरह महादेव द्वारा जलंधर का वध किया गया |
जालंधर के नाम पर ही इस शहर का नाम पड़ा |[5]
51 शक्तिपीठों में से एक देवी तालाब का यह मंदिर रेलवे स्टेशन से कुछ दूरी पर स्थित है। इस मंदिर की मरम्मत दुबारा की गई है। और फिर से इस मंदिर का निर्माण किया गया। इस मंदिर की इमारत का निर्माण अमरनाथ मंदिर के मॉडल की तरह करवाया गया है। देवी तलब मंदिर के पास ही एक अन्य मंदिर भी है। यह मंदिर मां काली का है। सोने से बना यह देवी तलब का मंदिर हरिबल्लभ संगीत सम्मेलन के लिए काफी प्रसिद्ध है। यह सम्मेलन प्रत्येक वर्ष दिसम्बर माह में होता है। इसके अलावा इस सम्मेलन का आयोजन पिछले 125 वर्षों से किया जा रहा है। श्रद्धालुओं के लिए यहां पर धर्मशाला में ठहरने की व्यवस्था है।
यह मंदिर गुरू मंडी, ईमाम नसीर मकबर के समीप स्थित है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण नवाब सुल्तानपुर लोदी ने करवाया था। इस मंदिर की वास्तुकला हिन्दू, मुस्लिम दोनों शैलियों से सम्मिलित है। इस मंदिर के प्रमुख द्वार का निर्माण मस्जिद की शैली में बना हुआ है। ऐसा माना जाता है कि जलंधर के नवाब ने एक नववधु के साथ विवाह कर लिया था जो भगवान शिव की भक्त थी।
बच्चों के साथ घूमने जा सकते हैं। नगर से बस ८-९ किलोमीटर ही है। किराया लगभग ६००-८०० है।
खटकर कलान संग्रहालय शहीद सरदार भगत सिंह के गांव, खटकर कलान में स्थित है। पहले यह संग्रहालय जलंधर जिले में था, लेकिन अब यह नवाशहर जिले का हिस्सा है। जलंधर की इस मिट्टी ने देश को ऐसे कई वीर योद्धा दिए है जो अपने वतन के लिए शहीद हो गए। उन शहीदों की याद आज भी इस जगह से जुड़ी हुई है।
वंडर लैंड थीम पार्क एक एम्यूजमेंट वाटर पार्क है। यहां आप पानी में कई खेलों और झूलों का आनन्द उठा सकते हैं। यह पार्क तकरीबन 11 एकड़ में फैला हुआ है। यहां सभी उम्र के लोगों को ध्यान में रखकर झूले तैयार किए गए है। यह पार्क जलंधर बस टर्मिनल से 6 किलोमीटर और नाकोदर रोड़ पर स्थित रेलवे स्टेशन से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पानी के झूलों के साथ बंपर कार, फ्लाइंग जेट, हॉरर हॉउस, बोटिंग, प्ले हॉउस, फ्लाइंग डेरगन और स्लॉइड स्पैलेश आदि भी है। आयु का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर सीनियर सिटीजन के लिए टिकट में छूट की उपलब्धता है।
सितम्बर माह में आने वाली आनन्द चतुदर्शी के अवसर पर हजारों की संख्या में भक्तगण यहां आते हैं। माना जाता है कि जिनकी संतान नहीं होती है वह इस मंदिर में आकर संतान प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।
ईमाम नसीर का मकबरा करीबन आठ सौ साल पुराना है। इसके नजदीक में ही जामा मस्जिद भी है। कहा जाता है कि यह मस्जिद चार सौ साल पुरानी है। इसके अलावा जामा मस्जिद अपनी वास्तुकला के लिए भी काफी प्रसिद्ध है।
गुरू गोविन्द सिंह जब दोआबा क्षेत्र में यात्रा के लिए आए थे, उस दौरान वह जलंधर नगर भी आए थे। गुरूद्वारा छेवीं पातशाही जलंधर नगर के बस्ती शेख में स्थित है। यह गुरूद्वारा उसी स्थान पर स्थित है जहां गुरूजी ने मुस्लिम संत को जिन्हें शेख दरवेश के नाम से जाना जाता है को साक्षात्कार दिया था। साक्षात्कार लेते समय संत ने अपनी आंखे बंद कर ली थी और उन्होंने गुरू को नहीं देखा था।
यह मंदिर वृंदा के नाम पर बना हुआ है जो जलंधर की पत्नी थी। यह मंदिर कोट किशन चंद जगह पर स्थित है। जिसे अब तुलसी मंदिर के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर के एक तरफ टैंक है। ऐसा कहा जाता है कि इस जगह पर जलंधर नहाया करते थे। मंदिर से कुछ ही दूरी पर गुफा मंदिर भी है। इस मंदिर में अन्नपूर्णा देवी की प्रतिमा स्थापित है। इसके अलावा पास ही में ब्रह्म कुंड भी है।
यूं तो सबसे नजदीकी एयरपोर्ट आदमपुर एयरपो्र्ट (जलंधर नगर से 25 किमी ) है लेकिन यहां से दिल्ली के लिए दिन में बस एक ही फ्लाइट जाती है मुख्य तौर पर सभी फ्लाइटें अमृतसर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से हैं। चंडीगढ़ से भी दिल्ली के लिए उड़ानें भरी जाती है।
जलंधर के लिए रेलवे सेवा कुछ प्रमुख नगरो से जुड़ी हुई है।यहां पर जलंधर कैंट एवं जलंधर सिटी दो बड़े स्टेशन हैं। अन्य सभी छोटे स्टेशन अथवा हाल्ट हैं। जालंधर सिटी रेलवे स्टेशन पर कई सुविधाएं उपलब्ध हैं जैसे यात्रियों के लिए प्रतीक्षा हॉल, 24 घंटे चाय पानी के स्टॉल, 24 घंटा ऑटो इ्त्यादि की उपलब्धता, टैक्सी की उपलब्धता, रिजर्वेशन काउंटर, शौचालय इत्यादि इसके अतिरिक्त जालंधर सिटी रेलवे स्टेशन के आसपास यात्रियों के लिए होटल इत्यादि भी आसानी से उपलब्ध है जो रेलवे स्टेशन से बिल्कुल निकट है अर्थात वहां तक जाने के लिए किसी रिक्शा ऑटो की आवश्यकता नहीं है बस यह ध्यान रखें कि जब भी वहां जाए कोई न कोई पहचान पत्र अवश्य साथ होनी चाहिए इन सबके अतिरिक्त जालंधर एक विकसित नगर होने के कारण यहां पर ओला टैक्सी कैब और रैपिडो बाइक टैक्सी भी उपलब्ध होती है
देश के कई प्रमुख नगरो से जलंधर के लिए बसें चलती है। जैसे कि दिल्ली से कश्मीरी गेट आईएसबीटी के बस स्टैंड संख्या पचीस और छबीस से जालंधर के लिए रोडवेज की एसी तथा नॉन एसी बसें पूरा दिन उपलब्ध रहती हैं । दिल्ली से अमृतसर तक का हाईवे बहुत ही अच्छा सड़क मार्ग है। लेकिन सभी लोग जो जालंधर से होकर गुजरते हैं अथवा जालंधर जाते हैं वह यात्रा करते समय ध्यान रखें कि दिल्ली से अमृतसर जाने वाली सभी बसें जालंधर bus stand से नहीं गुजरती बल्कि 10-20% बसें पीएपी चौक अर्थात जालंधर बाईपास से होकर नगर से बाहर की तरफ से ही निकल जाती है और रात में पीएपी चौक पर रूकने की व्यवस्था नही है इसलिए रात में परिवार सहित जालंधर पहुंचनेवाले लोग उन बसों से ही सफर करें जोकि बस स्टैंड होकर जाती हों, क्योंकि जालंधर में स्थित शहीद ए आजम सरदार भगत सिंह अंतर राज्य बस स्टैंड एक बड़ा बस स्टैंड है जहां पर दिन रात 24 घंटे बसों का आना जाना रहता है और उसी तरह यहां पर चाय पानी का इंतजाम २४ घंटे यात्रियों के लिए उपलब्ध रहता है।
2024 में जालंधर शहर की वर्तमान अनुमानित जनसंख्या 1,223,000 है, जबकि जालंधर मेट्रो की जनसंख्या 1,241,000 होने का अनुमान है। भारत की जनगणना की अनंतिम रिपोर्ट के अनुसार, 2011 में जालंधर की जनसंख्या 862,886 है। हालाँकि जालंधर शहर की जनसंख्या 862,886 है; इसकी शहरी/महानगरीय जनसंख्या 874,412 है।[6]
Seamless Wikipedia browsing. On steroids.
Every time you click a link to Wikipedia, Wiktionary or Wikiquote in your browser's search results, it will show the modern Wikiwand interface.
Wikiwand extension is a five stars, simple, with minimum permission required to keep your browsing private, safe and transparent.