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चूरू
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चूरू (Churu) भारत के राजस्थान राज्य के चूरू ज़िले में स्थित एक नगर है।[1][2]
चूरू Churu | |
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![]() माल जी की हवेली | |
निर्देशांक: 28.30°N 74.95°E / 28.30; 74.95 | |
देश | ![]() |
प्रान्त | राजस्थान |
ज़िला | चूरू ज़िला |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 1,19,856 |
भाषा | |
• प्रचलित | राजस्थानी, मारवाड़ी, हिन्दी |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
चुरू की स्थापना चौधरी चूहरु जाट ने की थी।
चूरू थार रेगिस्तान के किनारे पर सुनहरी रेत के टीलों के बीच स्थित एक छोटा सा शहर है। इसे “थार मरुस्थल का प्रवेशद्वार” भी कहा जाता है। यह अपनी शानदार हवेलियों, भित्ति चित्रों और बेहतरीन वास्तुकला के लिए जाना जाता है। चुरू उत्तरी राजस्थान के ऐतिहासिक शेखावाटी क्षेत्र में का एक हिस्सा है। वास्तुकला प्रेमी पर्यटकों के लिए यह एक विशेष आकर्षण का केंद्र है। इसके अलावा चूरू के बाजारों में राजस्थानी मसाले और तरह-तरह स्वादिष्ट पापड़ भी मिलते हैं। प्रसिद्ध उद्योगपति लक्ष्मीनिवास मित्तल चूरू के सादुलपुर के ही मूल निवासी हैं।
मौसम और जलवायु की दृष्टि से चूरू राजस्थान का सबसे गर्म व सबसे ठंडा जिला है। साथ ही यह राजस्थान का सर्वाधिक वार्षिक तापान्तर वाला जिला है। गर्मी में यहां बेतहाशा गर्मी, तो जाड़े में हाड़ कंपा देने वाली ठंड पड़ती है। यहां की तालछापर झील एक खारे पानी की झील है। चूरू राजस्थान का राज्य में सबसे कम वन क्षेत्र वाला जिला है और यहां कोई भी नदी प्रवाहित नहीं होती।