चग़ताई ख़ान
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चग़ताई ख़ान (मंगोल: Цагадай, त्सगदाई; फ़ारसी: جغتای, चग़ताई, अंग्रेजी: Chagtai;; जन्म: ११८३ ई अनुमानित; देहांत: १२४२ या १२४३ ई) मंगोल साम्राज्य के संस्थापक चंगेज़ ख़ान और उसकी मुख्य पत्नी बोरते का दूसरा पुत्र था। उसने अपने पिता के मध्य एशिया को मंगोल साम्राज्य के अधीन करने के अभियान में बहुत हिस्सा लिया। उसे एक क़ाबिल और सहासी सिपहसालार माना जाता है।[1] इसी के नाम के ऊपर चग़ताई ख़ानत, चग़ताई भाषा और चग़ताई तुर्कों का नाम पड़ा है। अपने पिता (चंगेज़ ख़ान) के देहांत के बाद उसने मध्य एशिया के क्षेत्र का शासक बनाने के ज़िम्मा सम्भाला। उसे एक गरम-मिज़ाज व्यक्ति माना जाता है क्योंकि उसने स्पष्ट रूप से चंगेज़ ख़ान के बड़े बेटे जोची ख़ान को सर्वोच्च ख़ान मानने से इनकार कर दिया।[2]