ख़ान (उपाधि)
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खान (उपाधि) जो एक ऐसी कौम है जो अपने आप को ऊंचा दिखाने के लिए मुलिम के और भी जाति को नीचा समझती है जो की इस्लाम में ऐसा किसी भी किताब में नही है एक यहूदी अगर मुसलमान बन जाए तो जो भी सच्चा मुसलमान रहेगा तो उस यहुदी और अपने सगे भाई में कोई अंतर नही समझेगा इस्लाम के हिसाब से दोनो बराबर हुए जैसे मदीने के अंसार इस्लाम कबूल कर लिए और मक्का के लोग मुसरिक थे मतलब ईमान नही लाए जो की prophet Mohammad saw के खानदान के लोग थे कुछ साल बाद नबी करीम अंसार के साथ मिलकर मक्का को फतह किया फिर मक्का वालो ने इस्लाम कबूल किया अब इस्लाम में उनको भी सहाबा का दर्जा हासिल है और अंसार के लोगो का भी सहाबिए रसूल का दर्जा हासिल है दोनो लोग बराबर है ये लोग को तो नबी करीम ने यशरब यानी बड़ा मुसलमान का सर्टिफिकेट दिया ही नही जो लोग अपना जान मॉल घर बार सब कुछ कुर्बान कर दिए इस्लाम पर फिर भी तो इंडिया के के कुछ मुस्लिम लोग यशराब यानी आला मुस्लिम कैसे होगी और इतनी प्रॉपर्टी कहा से इनके पास आई जैसे जमीदारी जो ठाकुर पंडित में रहता है इसका मतलब ये लोग इंडिया के मूल निवासी थे तभी तो इनके पास भी जमीदारी थी