कोलकाता का भूगोल
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कोलकाता पूर्वी भारत में 22°33′N 88°20′E निर्देशांक पर गंगा डेल्टा क्षेत्र में 1.5 मी॰ (5 फीट) से 9 मी॰ (30 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है।[1] शहर हुगली नदी के किनारे किनारे उत्तर-दक्षिण रैखिक फैला हुआ है। शहर का बहुत सा भाग एक वृहत नम-भूमि क्षेत्र था, जिसे भराव कर शहर की बढ़ती आबादी को बसाया गया है।[2] शेष बची नम-भूमि जिसे अब ईस्ट कैल्कटा वेटलैंड्स कहते हैं, को रामसर सम्मेलन के अन्तर्गत अन्तर्राष्ट्रीय महत्त्व की नम-भूमि घोषित किया गया है।[3]
अन्य गांगेय क्षेत्रों की तरह यहां की मिट्टी भी उपजाऊ जलोढ़ (अल्यूवियल) ही है। मिट्टी की ऊपरी पर्त के नीचे चतुर्धात्विक अवसाद, मिट्टी, गाद, एवं रेत की विभिन्न श्रेणियां अतथा बजरी आदि है। ये कण मिट्टी की दो पर्तों के बीच बिछे हुए हैं। इनमें से निचली पर्त 250 मी॰ (820 फीट) तथा 650 मी॰ (2,133 फीट) और ऊपरी पर्त 10 मी॰ (33 फीट) तथा 40 मी॰ (131 फीट) की मोटाई की है।[4] भारतीय मानक ब्यूरो के अनुसार, शहर भूकंप प्रभावी क्षेत्र श्रेणी-तृतीय में आता है। यह श्रेणियां १-४ के बीच बढ़ते क्रम में होती हैं।[5] यूएनडीपी रिपोर्ट के अनुसार वायु और चक्रवात के लिए यह अत्योच्च क्षति जोखिम क्षेत्र में आता है।[5]