कैसर विल्हेम द्वितीय (जर्मनी)
जर्मनीका अन्तिम सम्राट / From Wikipedia, the free encyclopedia
विल्हेम द्वितीय या विलियम द्वितीय (जर्मन: Friedrich Wilhelm Viktor Albrecht von Preußen; अंगरेजी: Frederick William Victor Albert of Prussia; 27 जनवरी 1859 – 4 जून 1941) जर्मनी का अन्तिम सम्राट (कैसर) तथा प्रशा का राजा था जिसने जर्मन साम्राज्य एवं प्रशा पर १५ जून १८८८ से ९ नवम्बर १९१८ तक शासन किया।
विलियम द्वितीय Wilhelm II | |||||
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German Emperor; King of Prussia | |||||
शासनावधि | 15 June 1888 – 9 November 1918 | ||||
पूर्ववर्ती | Frederick III | ||||
उत्तरवर्ती | Monarchy abolished Friedrich Ebert, President of Germany | ||||
Chancellors | See list
Otto von Bismarck
Leo von Caprivi Chlodwig zu Hohenlohe-Schillingsfürst Bernhard von Bülow Theobald von Bethmann-Hollweg Georg Michaelis Georg von Hertling Maximilian of Baden | ||||
जन्म | 27 जनवरी 1859 Crown Prince's Palace, Berlin, Prussia | ||||
निधन | 4 जून 1941(1941-06-04) (उम्र 82) Huis Doorn, Doorn, Netherlands | ||||
समाधि | 9 June 1941 Mausoleum at Huis Doorn | ||||
जीवनसंगी | Augusta Victoria of Schleswig-Holstein (m. 1881–1921; her death) Hermine Reuss of Greiz (m. 1922–41; his death) | ||||
संतान |
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घराना | Hohenzollern | ||||
पिता | Frederick III, German Emperor | ||||
माता | Victoria, Princess Royal | ||||
धर्म | Lutheranism (within Evangelical State Church of Prussia's older Provinces) | ||||
हस्ताक्षर |
विलियम प्रथम की मृत्यु के उपरान्त उसका पुत्र फैड्रिक तृतीय जर्मनी के राजसिंहासन पर 9 मार्च 1888 ई. को आसीन हुआ। किन्तु केवल 100 दिन राज्य करने के बाद उसकी मृत्यु हो गई। उसकी मृत्यु होने पर उसका पुत्र विलियम द्वितीय राज्य सिंहासन पर आसीन हुआ। वह एक नवयुवक था। उसमें अनेक गुणों और दुर्गुणों का सम्मिश्रण था। वह कुशाग्र बुद्धि, महत्वकांक्षी आत्मविश्वासी तथा असाधारण नवयुवक था। वह स्वार्थी और घमण्डी था तथा उसका विश्वास राजा के दैवी सिद्धांत में था। किसी अन्य व्यक्ति के नियंत्रण में रहना उसको असह्य था जिसके कारण कुछ ही दिनों के उपरांत उसकी अपने चांसलर बिस्मार्क से अनबन हो गई। परिस्थितियों से बाध्य होकर बिस्मार्क को त्याग-पत्र देना पड़ा। बिस्मार्क के पतन के उपरांत विलियम ने समस्त सत्ता को अपने हाथों में लिया और उसके मंत्री आज्ञाकारी सेवक बन गये और वह स्वयं का शासन का कर्णधार बना।