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Qutub Minar (Minar e Hindustan) विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
दिल्ली सल्त़नत की मशहूर ऐतिहासिक मस्जिद और इमारतें, दिल्ली(हिन्दुस्तान) | |
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विश्व धरोहर सूची में अंकित नाम | |
देश | भारत |
प्रकार | सांस्कृतिक |
मानदंड | iv |
सन्दर्भ | 233 |
युनेस्को क्षेत्र | एशिया- प्रशांत |
शिलालेखित इतिहास | |
शिलालेख | 1993 (17th सत्र) |
यह (मीनार-ए-हिन्दुस्तान) क़ुतुब मीनार महरौली, दिल्ली, भारत में स्थित है। इसकी सर्वाधिक प्रसिद्ध इमारत (क़ुतुब मीनार) मीनार-ए-हिन्दुस्तान है।
भारत मे तुर्को द्वारा पहला मकबरा हे kutabudhin aibak araba karethila.
यह मीनार दिल्ली के महरौली क्षेत्र में कुतुब परिसर में स्थित है। इसका निर्माण अलाउद्दीन खिलजी ने यह मीनार निर्माण योजना थी, जो कि इस मीनार से दुगुनी ऊंची बननी निश्चित की गयी थी, परंतु इसका निर्माण 24.5 मीटर पर प्रथम मंजिल पर ही आकस्मिक कारणों से रुक गया।
इस मस्जिद का निर्माण गुलाम वंश के प्रथम शासक कुतुब-उद-दीन ऐबक ने 1192 में शुरु करवाया था। इस मस्जिद को बनने में चार वर्ष का समय लगा। लेकिन बाद के शासकों ने भी इसका विस्तार किया। जैसे अल्तमश ने 1230 में और अलाउद्दीन खिलजी ने 1351 में इसमें कुछ और हिस्से जोड़े। यह मस्जिद हिन्दू और इस्लामिक कला का अनूठा संगम है। एक ओर इसकी छत और स्तंभ भारतीय मंदिर शैली की याद दिलाते हैं, वहीं दूसरी ओर इसके बुर्ज इस्लामिक शैली में बने हुए हैं। मस्जिद प्रांगण में सिकंदर लोदी (1488-1517) के शासन काल में मस्जिद के इमाम रहे इमाम जमीम का एक छोटा-सा मकबरा भी है।
लौह स्तंभ क़ुतुब मीनार के निकट (दिल्ली में) धातु विज्ञान की एक जिज्ञासा है| यह कथित रूप से राजा चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य (राज ३७५ - ४१३) से निर्माण कराया गया, किंतु कुछ विशेषिज्ञों का मानना है कि इसके पहले निर्माण किया गया, संभवतः ९१२ ईपू में| स्तंभ की उँचाई लगभग सात मीटर है और पहले हिंदू व जैन मंदिर का एक हिस्सा था| तेरहवी सदी में कुतुबुद्दीन ऐबक ने मंदिर को नष्ट करके क़ुतुब मीनार की स्थापना की| लौह-स्तम्भ में लोहे की मात्रा करीब ९८% है और अभी तक जंग नहीं लगा है।
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