Loading AI tools
विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
कच्छभूमि (marsh) ऐसी आर्द्रभूमि होती है जहाँ ऊँचे वनस्पति कम पाये जाते हों, यानि काष्ठीय पौधों की बजाय घास जैसे छोटे पौधों का बाहुल्य हो। कच्छभूमियाँ अक्सर झीलों और नदियों के तटों पर मिलते हैं, जहाँ यह थलीय और जलीय परितंत्रों के बीच का स्थान लेते हैं। कच्छभूमि क्षेत्रों में यदि काष्ठीय पौधे हो भी तो वे अधिकतर छोटे कद के क्षुप होते हैं।
ध्यान दें कि आम भाषा में कच्छभूमि को दलदल (swamp) बोल दिया जाता है, हालांकि दलदली क्षेत्रों में वृक्ष और अन्य बड़े वनस्पति भी मिलते हैं। लोकभाषा में "दलदल" शब्द का अर्थ "चोर बालू" (quicksand) भी निकाला जाता है, यानि ऐसी जल से ग्रस्त भूमि जिसमें भारी वस्तु रखते ही वह धंसने लगे।
भारत में स्थाई कच्छभूमि के प्रमुख उदाहरण हैं उत्तर प्रदेश के तराई के कच्छभूमि तथा पश्चिम बंगाल के सुन्दरवन। असम में काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान मौसमी कच्छभूमि बन जाता है जब ब्रह्मपुत्र नदी में बाढ़ आ जाती है। कच्छभूमि का पानी स्वच्छ या मीठा हो सकता है जैसे तराई का, या वहाँ का पानी खारा हो सकता है जैसे सुन्दरवन का क्योंकि सुन्दरवन समुद्र के किनारे स्थित होने के कारण वहाँ समुद्र का पानी होना स्वाभाविक है। कच्छभूमि में पानी की बहुतायत की वजह से कुछ विशेष प्रकार की वनस्पती ही उग सकती है, जिसने अपने आप को उस माहौल में ढाल लिया हो। इसी प्रकार कुछ विशेष प्राणी ही वहाँ जीवित रह सकते हैं, क्योंकि जीवित रहने के लिए वहाँ की परिस्थितियाँ बहुत विषम होती हैं। मीठे पानी वाले कच्छभूमि में सरकण्डा नामक घास प्रचुर मात्रा में उगती है। यह घास बहुत ऊँची होती है और मृग की प्रजाति के पशुओं को परभक्षियों से छिपने में मदद करती है। वहीं दूसरी ओर खारे पानी के कच्छभूमि में ज़्यादातर मैन्ग्रोव वन ही देखने को मिलते हैं।
Seamless Wikipedia browsing. On steroids.
Every time you click a link to Wikipedia, Wiktionary or Wikiquote in your browser's search results, it will show the modern Wikiwand interface.
Wikiwand extension is a five stars, simple, with minimum permission required to keep your browsing private, safe and transparent.