Loading AI tools
विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
कंपनी अधिनियम १९५६ वह अति महत्वपूर्ण विधान था जो भारत के केन्द्रीय सरकार को कम्पनी के गठन और कार्यों को विनियमित करने की शक्ति प्रदान करता था। इसे भारत की संसद द्वारा 1956 में पारित किया गया था। यह अधिनियम कम्पनियों के गठन को पंजीकृत करने तथा उनके निर्देशकों और सचिवो की जिम्मेदारी का निर्धारण करता था। यह अधिनियम भारत के संघीय सरकार द्वारा कारपोरेट मामलों के मंत्रालय, कंपनियों के रजिस्ट्रार के कार्यालय, आधिकारिक परिसमापक, सार्वजनिक न्यासी, कंपनी लॉ बोर्ड आदि के माध्यम से प्रशासित किया जाता हथा। इसमें समय-समय पर संशोधन किया गया। इस अधिनियम को समाप्त करए इसके स्थान पर कम्पनी अधिनियम, २०१३ लागू किया गया।
इस लेख में सत्यापन हेतु अतिरिक्त संदर्भ अथवा स्रोतों की आवश्यकता है। कृपया विश्वसनीय स्रोत जोड़कर इस लेख में सुधार करें। स्रोतहीन सामग्री को चुनौती दी जा सकती है और हटाया भी जा सकता है। (अक्टूबर 2022) स्रोत खोजें: "कंपनी अधिनियम, 1956" – समाचार · अखबार पुरालेख · किताबें · विद्वान · जेस्टोर (JSTOR) |
कंपनी अधिनियम, 1956 भारत सरकार को कम्पनी के गठन को विनियमित करने और कम्पनी के प्रबंधन को नियंत्रित करने की शक्ति प्रदान करता था। कम्पनी अधिनियम केन्द्र सरकार द्वारा कम्पनी कार्य मंत्रालय और कम्पनी पंजीयक के कार्यालयों, शासकीय परिसमापक, सार्वजनिक न्यासी, कम्पनी विधि बोर्ड, निरीक्षण निदेशक आदि के माध्यम से प्रवृत्त किया जाता थाहै।
कम्पनी कार्य मंत्रालय जो पहले वित्त मंत्रालय के अधीन कम्पनी कार्य विभाग के रूप में जाना जाता था, का प्राथमिक कार्य कम्पनी अधिनियम, 1956 का प्रशासन था।
कम्पनी अधिनियम, 1956 में निहित मूल उद्देश्य निम्नलिखित थे:
कानून के अंतर्गत प्रतिबंध प्रावधानों के अधीन रखना।
कम्पनी अधिनियम, 1956 में निम्नलिखित के द्वारा संशोधन किया गया :-
इससे कम्पनी अधिनियम, 1956 में अमूल-चूल संशोधन किए गए। संशोधन बदलते व्यापार परिवेश के प्रति प्रतिक्रिया को दर्शाता है। इसमें कारपोरेट अभिशासन में अधिक पारदर्शिता लाने की व्यवस्था है, कम्पनी के निदेशकों को अधिक जिम्मेदार और उत्तरदायी बनाया गया है, छोटे कम्पनियों को भी अनुशासन के प्रति जवाबदेह बनाते, लघु निवेशकों के हितों की रक्षा और जमाकर्ताओं और डिबेन्चर धारकों के हितों की रक्षा चाहता है।
कंपनी अधिनियम २०१३ भारत की संसद का एक अधिनियम है जो एक कंपनी का समावेश, कंपनी की जिम्मेदारियां, निदेशकों, किसी कंपनी के विघटन को नियंत्रित करता है। ये १२ सितंबर २०१३ से अमल में लाया गया है।[1]
Seamless Wikipedia browsing. On steroids.
Every time you click a link to Wikipedia, Wiktionary or Wikiquote in your browser's search results, it will show the modern Wikiwand interface.
Wikiwand extension is a five stars, simple, with minimum permission required to keep your browsing private, safe and transparent.