कंडला
भारत के गुजरात राज्य का एक नगर विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
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कंडला (Kandla) भारत के गुजरात राज्य के कच्छ ज़िले में स्थित देश का सब से बड़ा बन्दरगाह है। आयात-निर्यात से पूरे विश्व के साथ जुड़ा हुआ है। कंडला बंदरगाह का प्रशासन कंडला पोर्ट ट्रस्ट के हाथ में है जिसका पूरा नियंत्रण भारत सरकार के जहाजरानी मंत्रालय के हाथ है। कंडला का नाम बदल कर अब दीनदयाल बंदरगाह कर दिया गया है।[1][2][3]
कंपनी प्रकार | पब्लीक |
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कारोबारी रूप | BSE: 533248 NSE: GPPL |
उद्योग | बंदरगाह, यातायात |
स्थापित | १९५६ |
मुख्यालय | कंडला, गांधीधाम, गुजरात |
प्रमुख लोग | Nitin Gadkari (Shipping Minister) Ravi Parmar (Chairman) Alok singh (De. Chairman) DShishir Shrivastava (CVO) Bimal Kumar Jha (Secretary) |
मालिक | कंडला पोर्ट ट्रस्ट, भारत सरकार |
वेबसाइट | http://www.kandlaport.gov.in |
कंडला Kandla કંડલા | |
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निर्देशांक: 23.03°N 70.22°E | |
देश | भारत |
प्रान्त | गुजरात |
ज़िला | कच्छ ज़िला |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 15,782 |
भाषा | |
• प्रचलित भाषाएँ | कच्छी, गुजराती |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
कंडला बंदरगाह कच्छ के अखात में पाकिस्तान के कराची बंदरगाह से २५६ नोटीकल माईल, मुंबइ बंदरगाह से ४३० नोटीकल माईल की दूरी पर स्थित है। कंडला भारत के सब से बड़े १२ मुख्य बंदरगाहो में से कार्गो हेन्डलींग में सब से बड़ा है। कंडला बंदरगाह से प्रतिवर्ष ७०,००० मिलियन टन से भी ज्यादा कार्गो हेन्डल कीया जाता है। बंदरगाह का संचालन स्थानिक तौर पर कंडला पॉर्ट ट्रस्ट के हस्तक है, जीसका प्रशासनिक कार्यालय गांधीधाम में स्थित है। ट्रस्ट का संचालन भारत सरकार के शिपिंग मंत्रालय के द्वारा होता है। चेरमेन की नियुक्ति भारत सरकार द्वारा की जाती है। कंडला बंदरगाह से तरलपदार्थ, नमक, लोहा, रसायण ईत्यादी की आयात-निर्यात होती है।[4]
कंडला खास आर्थिक क्षेत्र जो स्पेश्यल ईकोनोमिक झोन से जाना जाता है। यह कंडला पॉर्ट से सीर्फ ९ कि.मि. की दूरी पर है। यह पूरे भारत का सब से पहला खास आर्थिक क्षेत्र है।[5] जीसकी स्थापना ई.स. १९६५ में हुई थी।,[6] कंडला एसईझेड सब से बड़ा विविधलक्षी एसईझेड है। कंडला भारत का सब से पहला फ्री ट्रेड झोन है। [7]
कांडला बंदरगाह (Kandla Port) भारत में गुजरात प्रान्त में कच्छ ज़िले में स्थित देश का सबसे बड़ा बंदरगाह है। यह बंदरगाह भारत का सबसे पहला मुक्त व्यापार क्षेत्र है। कांडला बंदरगाह भारत के सबसे बड़े 12 मुख्य बंदरगाहो में से कार्गो हेन्डलींग में सबसे बड़ा है। यह कांडला नदी पर बना हुआ है। अधिकारियों की अनुमति लेकर यहां घूमा भी जा सकता है। यह बंदरगाह आयात-निर्यात से पूरे विश्व के साथ जुड़ा हुआ है। कांडला बंदरगाह खास आर्थिक क्षेत्र, जो स्पेश्यल ईकोनोमिक जोन से जाना जाता है। ये बंदरगाह पूरे भारत एवं एशिया का सबसे पहला खास आर्थिक क्षेत्र है, जिसकी स्थापना ई.स. 1965 में हुई थी।[1]
भारत और पाकिस्तान के बटवारे के बाद देश का प्रमुख कराची बंदरगाह पाकिस्तान में चला गया था। जीस की कमी पूरी करने हेतु ई.स. 1965 में पश्विम भारत में अरबी समुद्र के कच्छ के अखात के तट पर कंडला बंदरगाह की स्थापना की गई थी।
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