ओन्गी भाषाएँ
From Wikipedia, the free encyclopedia
ओन्गी भाषा-परिवार (Ongan language-family), जिसे दक्षिण अण्डमानी भाषा-परिवार भी कहते हैं एक छोटा-सा भाषा-परिवार है जिसकी सिर्फ़ दो सदस्य भाषाएँ हैं: ओन्गी भाषा और जारवा भाषा। यह दोनों अण्डमान द्वीपसमूह के दक्षिणी हिस्से में बोली जाती हैं और बहुत ही कम मातृभाषियों की वजह से संकटग्रस्त मानी जाती हैं। १९९७ में ओन्गी भाषा के केवल ९६ और जारवा भाषा के केवल २०० वक्ता जीवित थे। इस भाषा-परिवार की जंगिल नामक एक तीसरी सदस्य भाषा भी थी लेकिन वह १८९५ और १९२० के बीच में विलुप्त हो गई थी।[1]
सामान्य तथ्य ओन्गी, भौगोलिक विस्तार: ...
ओन्गी | |
---|---|
दक्षिण अण्डमानी | |
भौगोलिक विस्तार: |
अण्डमान द्वीपसमूह |
भाषा श्रेणीकरण: | स्वतंत्र भाषा-परिवार, या शायद एक परिकल्पित ऑस्ट्रोनिशियाई-ओन्गी परिवार की शाखा[1] |
उपश्रेणियाँ: |
जंगिल भाषा (विलुप्त)
|
ऍथनोलॉग कोड: | 17-1313 |
अण्डमान की आदिवासी भाषाओं का विस्तार, जिनमें ओन्गी भाषाएँ भी दिखाई गई हैं |
बंद करें