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एचएएल तेजस
भारत के एचएएल द्वारा बनाई गई विमान वाहक / From Wikipedia, the free encyclopedia
तेजस भारत द्वारा विकसित किया जा रहा एक हल्का व कई तरह की भूमिकाओं वाला जेट लड़ाकू विमान है। यह हिन्दुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा विकसित एक सीट और एक जेट इंजन वाला, अनेक भूमिकाओं को निभाने में सक्षम एक हल्का युद्धक विमान है। यह बिना पूँछ का, कम्पाउण्ड-डेल्टा पंख वाला विमान है। इसका विकास 'हल्का युद्धक विमान' या (एलसीए) नामक कार्यक्रम के अन्तर्गत हुआ है जो 1980 के दशक में शुरू हुआ था। विमान का आधिकारिक नाम तेजस 4 मई 2003 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखा था।[7] यह विमान पुराने पड़ रहे मिग-21 का स्थान लेगा।
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तेजस | |
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एलसीए तेजस | |
प्रकार | बहुपयोगी लड़ाकू विमान |
उत्पत्ति का देश | भारत |
उत्पादक | हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL, हाल) |
अभिकल्पनाकर्ता | वैमानिकी विकास संस्था |
प्रथम उड़ान | 4 जनवरी 2001[1] |
परिचय | 17 जनवरी,2015[2] |
स्थिति | सेवा में |
प्राथमिक उपयोक्ता | भारतीय वायुसेना |
निर्मित | 2001 से अब तक |
निर्मित इकाई | 37, मार्च 2021 तक [3] |
कार्यक्रम लागत | US$1.2 अरब[4] |
इकाई लागत | US$310 लाख[5] US$310.9 लाख (नौसेना संस्करण)[6] |
के रूप में विकसित किया गया | एचएएल तेजस मार्क 2 हाल टीईडीबीएफ |
तेजस की सीमित श्रृंखला का उत्पादन 2007 में शुरू हुआ। दो सीटों वाला एक ट्रेनर संस्करण विकसित किया जा रहा है (नवम्बर 2008 तक उत्पादन के क्रम में था।), क्योंकि इसका नौसेना संस्करण भारतीय नौसेना के विमान वाहक पोतों से उड़ान भरने में सक्षम है। बताया जाता है कि भारतीय वायु सेना को एकल सीट वाले 200 और दो सीटों वाले 20 रूपांतरण प्रशिक्षक विमानों की जरूरत है, जबकि भारतीय नौसेना अपने सी हैरियर की जगह एकल सीटों वाले 40 विमानों का आदेश दे सकती है।[8]
१ जुलाई २०१६ को भारतीय वायुसेना की पहली तेजस यूनिट का निर्माण किया गया, जिसका नाम 'नम्बर ४५ स्क्वाड्रन आई ए एफ फ्लाइंग ड्रैगर्स' है। 1 अप्रैल 2020 में भारतीय वायुसेना की दूसरी तेजस स्क्वाड्रन का निर्माण किया। इससे स्क्वाड्रन का नाम 'नम्बर 18 स्क्वाड्रन आई ए एफ फ्लाईं बुलेट'। ये दोनो स्क्वाड्रन सुलूर में स्थापित है।