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आई एन एस अरिहंत
भारतीय नाभिकीय संचालित पनडुब्बी / From Wikipedia, the free encyclopedia
भारतीय नौसेना पोत (आई एन एस) अरिहंत (अरि: शत्रु हंतः मारना अर्थात् शत्रु को मारने वाला) परमाणु शक्ति चालित भारत की प्रथम पनडुब्बी है।[5] इस 6000 टन के पोत का निर्माण उन्नत प्रौद्योगिकी पोत (ATV) परियोजना के अंतर्गत पोत निर्माण केंद्र विशाखापत्तनम में 2.9 अरब अमेरिका डॉलर की लागत से किया गया है। इसको बनाने के बाद भारत वह छठा देश बन गया जिनके पास इस तरह की पनडुब्बियां है। अन्य पाँच देश हैं, अमेरिका (71), रूस (50), चीन (7), ब्रिटेन (6) और फ्रांस (5) (कोष्ठक में पनडुब्बियों की संख्या दी गई है)।
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कैरियर (भारत) | ![]() |
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वर्ग और प्रकार: | अरिहंत वर्ग पनडुब्बी |
नाम: | आई एन एस अरिहंत |
निर्माता: |
पोत निर्माण केन्द्र (SBC), विशाखापट्टनम, ![]() |
जलावतरण: | 26 जुलाई 2009 |
नाम दिया: | आई एन एस अरिहंत |
अजि॔त: | 13 दिसंबर 2014 |
सेवा शुरु: | अगस्त 2016 |
गृहपत्तन: | विशाखापत्तनम |
स्थिति: | सेवा में |
सामान्य विशेषताएँ | |
वर्ग और प्रकार: | अरिहंत-श्रेणी की बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी |
विस्थापन: | सतह पर:6000 टन (अनुमानित)[1] |
लम्बाई: | 111 मी॰ (364 फीट)[2] |
चौड़ाई: | 15 मी॰ (49 फीट)[2] |
खाका: | 11 मी॰ (36 फीट)[2] |
स्थापित शक्ति: | 83 मेगावॉट |
प्रणोदन: | 83 मेगावाट दाबीकृत जल रिएक्टर 40% संवर्धित यूरेनियम ईंधन के साथ;[2] 1 टरबाइन (70 मेगावाट); 1 शाफ्ट; एक 7-ब्लेड, हाइ-स्क्यू प्रणोदक |
गति: |
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पंहुच: | असीमित, खाद्य आपूर्ति को छोड़कर |
परीक्षित गहराई: | 350 मी॰ (1,150 फीट) (अनुम्मन)[4] |
कर्मि-मण्डल: | 95–100 अधिकारी और कर्मचारी |
संवेदक और संसाधन प्रणाली: |
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आयुध: |
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अरिहंत का प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनकी पत्नी गुरशरण कौर द्वारा 26 जुलाई 2009 को जलावतरण किया गया यह दिन इसलिए भी चुना गया क्योंकि यह कारगिल युद्ध में विजय की सालगिरह भी थी और इस दिन को कारगिल विजय दिवस या विजय दिवस)[6] रूप में मनाया जाता है। भारतीय नौसेना के बेड़े में 2011 में शामिल होने से पहले अरिहंत को गहन बंदरगाह और समुद्री परीक्षणों से गुजरना पड़ेगा।